श्रीखंड मार्ग में चोटिल हुए युवक को 48 घंटे के रेस्कयू के बाद पंहुचाया सुरक्षित
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
रामपुर बुशहर। धार्मिक यात्राओं में कठिनतम पैदल यात्राओं में से एक श्रीखंड महादेव यात्रा पर बीते वर्ष की तरह इस बार भी पूर्ण तौर से
प्रतिबंध लगाया गया है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और शिमला जिला की चोटियों मध्य 5227 मीटर ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव के दर्शन के हर साल देश विदेश से हजारो श्रदालु यहाँ आते है। मार्ग जोखिम पूर्ण और विकट हालात होने कारण यात्रा चुनौतीपूर्ण है। लेकिन बीते वर्ष व इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते इस यात्रा पर अधिकारिक तौर पर पाबंदी लगाई गई है।
कुछ रोज पूर्व छह युवकों का दल फांचा होते हुए श्रीखंड पैदल ट्रैक पर निकला था। लेकिन श्रीखंड यात्रा मार्ग के आखिरी पड़ाव मझबोन
में 25 वर्षीय सचिन ग्लेशियर में फिसलने से चोटिल हो गया था। जिस कारण उसका वहां से आना मुमकिन नहीं था ऐसे में उसके 5 साथी उसे अकेला वहीं छोड़कर निकल गए। दूरभाष सिग्नल भी ना होने के कारण तुरंत संपर्क करना इस मार्ग में संभव नहीं है ।जैसे इसकी सूचना पुलिस और प्रशासन को पहुंची। प्रशासन ने आईटीबीपी , पुलिस और होमगार्ड की रेस्क्यू टीम को मौके के लिए रवाना किया। टीम ने 48 घंटो के रेस्क्यू आपरेशन के बाद युवक को सकुशल पहुंचाया।
उधर दूसरी ओर, इसी दौरान अन्य मार्ग बागीपुल होते हुए 6 सदस्यीय दल भी श्री खण्ड महादेव दर्शन के लिए निकला था। जिस में
तरुण कुमार दिल्ली निवासी की पार्वती बाग के समीप बर्फ में पैर फिसलने के कारण चोट लगने से मौत हो गई । एसडीम रामपुर सुरेंद्र मोहन ने कहा ज्यूरी फाँचा से यात्रा आधिकारिक तौर से अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने लोग जोखिम उठा कर यात्रा में ना जाए, कुल्लू जिला प्रशासन ने भी यात्रा मार्ग में अधिक ग्लेशियर की वजह से यात्रा प्रतिबंधित कर दिया है। श्रद्धालुओं से नम्र निवेदन किया है कि वह बेवजह अपनी जान को जोखिम में ना डाले। इस बार ज्यादा ग्लेशियर है। उन्होंने बताया यात्रा के दौरान चोटिल हुए युवक
को रेस्क्यू करने में 48 घंटे लगे थे। उन्होंने कहा कि अगर कोई इस तरह से यात्रा के लिए जाता है तो उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।