दयाल प्यारी की एंट्री से पच्छाद कांग्रेस में दो धड़ों में बंटने के आसार

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राजगढ़:  कांग्रेस हाई कमान द्वारा दयाल प्यारी को पैराशूट से उतारने पर पच्छाद कांग्रेस में भूचाल आ गया है जिससे पच्छाद कांग्रेस में दो धड़ों में बंटने के आसार पैदा हो गए है. बीते कल दयाल प्यारी ने राजगढ़ में आयोजित पच्छाद कांग्रेस की विशेष बैठक में भाग लेने पहूंची थी. विशेषकर युवा कांग्रेस ने दयाल प्यारी का राजगढ़ पहूंचने पर गर्मजोशी के साथ स्वागत भी किया. तदोपरांत मिडिया से भी रूबरू हुई. जब दयाल प्यारी से मिडिया कर्मियों ने सवाल किया कि पच्छाद कांग्रेस आपको अभी भी स्वीकार नहीं कर रही जिस पर उन्होने चुप्पी साधी. इसके अतिरिक्त दयाल प्यारी ने मंहगाई, बेरोजगारी बारे अपनी बात मिडिया के समक्ष रखी.

बता दें कि पच्छाद उप चुनाव के दौरान भाजपा का टिकट न मिलने पर दयाल प्यारी का पार्टी से मोहभंग हो गया और इन्होनें उप चुनाव में बतौर आजाद उम्मीदवार हुंकार भरी थी और करीब साढ़े 11 हजार मत हासिल किए थे.

तदोपरांत दयाल प्यारी ने कांग्रेस हाईकमान में अपने तार जोड़कर पैराशूट से कांग्रेस में एंट्री की गई जोकि पच्छाद कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को रास नहीं आया. दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी संजय दत ने बीते दिनों एक बयान में कह दिया कि जो प्रत्याशी तीन बार हार का सामना कर चुके हैं उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा जिससे जीआर मुसाफिर की चिंताएं बढ़ना स्वभाविक है.

सूत्रों के मुताबिक दयाल प्यारी ने टिकट की शर्त पर कांग्रेस पार्टी में एंट्री की है. अगर ऐसा होता है तो पच्छाद कांग्रेस अपना आजाद उम्मीदवार उतार सकती है जिसका सीधा लाभ भाजपा को होगा. जीआर मुसाफिर ने पच्छाद कांग्रेस के 14 जोन अध्यक्षों से प्रस्ताव लेकर प्रदेश अध्यक्ष को भेज कर साबित किया है कि 2022 में जीआर मुसाफिर ही पच्छाद से कांग्रेस प्रत्याशी होगें. मुसाफिर ने टिकट की चाह में दौड़ धूप अभी से करनी शुरू कर दी. पच्छाद का एक धड़ा मुसाफिर के साथ है. कुछ कांग्रेसी नाम न छापने की शर्त में कह रहे कि इस बार गिरिआर से किसी युवा को टिकट दिया जाना चाहिए तभी भाजपा को करारी टक्कर दी जा सकेगी. लिहाजा विधानसभा चुनाव के लिए करीब डेढ साल बाकी है जिस प्रकार पच्छाद में कांग्रेस धड़ों में बंट रही है यदि समय रहते डेमेज कंट्रोल नहीं किया तो चौथी बार कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ेगा.