दंड: आत्महत्या को उकसाने पर दंपति को सात साल की सजा

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हरिद्वार: पड़ोसी महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में तृतीय अपर जिला जज संजीव कुमार ने अभियुक्त गण दंपति को दोषी पाया है. सेशन कोर्ट ने आरोपी दंपति को सात वर्ष का सश्रम कारावास और दस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है.

शासकीय अधिवक्ता कुशलपाल सिंह चौहान ने बताया कि 25 जून 2014 को कोतवाली नगर में पड़ोसी दंपति और मृतका महिला के बीच दीवार बनाने को लेकर विवाद चल रहा था. उसी दौरान महिला परमजीत कौर ने अभियुक्त दंपति को दीवार के बाद सीढ़ी बनाने से रोका था जिस पर अभियुक्त दंपति ने शिकायत कर्ता की पत्नी परमजीत कौर को भला बुरा कहकर उसे जान देने के लिए उकसाया था. अभियुक्त दंपति की बातों से आहत परमजीत कौर ने आत्महत्या करने के लिए अपने शरीर पर आग लगा ली थी. गंभीर हालत में उसे सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए ले गए थे. जहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत देखकर देहरादून के निजी अस्पताल में रेफर कर दिया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. मृतक महिला के पति परमजीत सिंह ने अभियुक्त दंपति गुरजीत सिंह पुत्र गुरबचन सिंह निवासी बिलकेश्वर कॉलोनी कोतवाली नगर और उसकी पत्नी देवेन्द्र कौर उर्फ सिम्मी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में केस दर्ज कराया था. शिकायत कर्ता ने पुलिस को बताया था कि अभियुक्त गण और उनके बीच दीवार के निर्माण को लेकर विवाद चल रहा है. इस संबंध में दोनों के बीच एक सिविल केस भी विचाराधीन है. लेकिन काफी प्रयास और विभाग में शिकायत करने के बाद अभियुक्त गण दंपति निर्माण नहीं रोक रहे थे. सरकारी पक्ष ने साक्ष्य में आठ गवाह पेश किए.