राजकीय बहुतकनीकी रोहड़ू करेगा पेट की निशुल्क कोचिंग की शुरुआत, 18 अप्रैल से होगी कक्षाएं शुरू

0
3

रोहड़ू: हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड सत्र 2022-23 के लिए बहुतकनीकी प्रवेश परीक्षा का आयोजन 15 मई को कर रहा है,उसी दृष्टि से राजकीय बहुतकनीकी रोहड़ू ने इस वर्ष इस परीक्षा में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के लिए निशुल्क कोचिंग कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया है।इस कोचिंग के लिए पंजीकरण संस्थान में 11 से 16 अप्रैल तक होगा और उसके पश्चात 18 अप्रैल से 11 मई तक संस्थान में कक्षाएं लगेगी।ये कक्षाएं संस्थान के प्रवक्ताओं द्वारा ली जाएगी।जो भी छात्र एवम छात्राएं दसवीं के बाद इंजीनियरिंग में अपना भविष्य बनाना चाहते है,संस्थान उनको मुफ्त कोचिंग के लिए आमंत्रित करता है। 25 दिनों की इस कोचिंग में फिजिक्स,केमिस्ट्री,इंग्लिश,गणित,विषयों की मूल जानकारी दी जाएगी और ये भी सिखाया जाएगा कि परीक्षा में प्रश्नों को किस प्रकार हल करना है। जो भी विद्यार्थी इंजीनियरिंग में रुचि रखते है और इंजीनियर बनने का सपना देखते है उनकी हर तरह की मदद संस्थान करेगा ।संस्थान के प्रधानाचार्य डा.विवेक शर्मा ऐसे सभी विद्यार्थियों और अभिभावकों से अपील करते है जो इंजीनियर बनना चाहते है वे अपने बच्चों को हमारे संस्थान में भेजकर मुफ्त कोचिंग का लाभ उठाएं।
हमारे विषय विशेषज्ञ विषय से संबंधित हर तरह की जानकारी बारीकी से देंगे ताकि छात्र इस परीक्षा को पास करके इंजीनियरिंग में प्रवेश कर सके। इंजीनियरिंग में विद्यार्थी विभिन्न ट्रेड्स में जैसे ,सिविल,इलेक्ट्रिकल,इलेक्ट्रॉनिक्स,मैकेनिकल,आर्किटेक्चर,ऑटोमोबाइल में प्रवेश ले सकता है।

कई छात्रों को 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आगे के अध्ययन के लिए अपने विषयों को चुनना एक बहुत बड़ा निर्णय लगता है क्योंकि यह तय करने के लिए अंतिम समय होता है कि करियर किस ओर बढ़ेगा। इसके विपरीत, जो लोग अध्ययन में अच्छे हैं, उनमें से अधिकांश को इंजीनियरिंग का विकल्प चुनने के लिए निर्देशित किया जाता है और दूसरों को उनके कौशल के आधार पर वाणिज्य या आर्ट्स स्ट्रीम की ओर ले जाया जाता है।
आज के दौर में बच्चे पहले से ही सोच लेते है की उन्हें भविष्य में क्या करना है और वो बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं। जिसमें से अधिकतर बच्चों की चॉइस इंजीनियर बनने की होती है क्योंकि इंजीनियरिंग के बच्चों के पास बहुत से विकल्प होते हैं। इंजीनियर बनने का ख्वाब लेकर बच्चे स्कूल के समय से ही तैयारी शुरू कर देते हैं।