श्रीनगर: सनातन परंपरा और खास तौर पर शैव संप्रदायों के लिए अमरनाथ यात्रा बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखती है। कोविड-19 के कारण इस धार्मिक यात्रा पर भी असर हुआ और अब जाकर एक बार फिर इस भव्य यात्रा की निर्बाध शुरुआत होने जा रही है। भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव, अपूर्वा चंद ने सोमवार को बताया कि इस साल की अमरनाथ यात्रा जम्मू-कश्मीर के इतिहास में सबसे बड़ी यात्राओं में से एक होगी जिसमें लगभग 6-8 लाख यात्रियों के केंद्र शासित प्रदेश में पहुंचने की उम्मीद है।
अपूर्वा चंद के हवाले से दी गई सूचना के मुताबिक इसके लिए जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव, जम्मू-कश्मीर क्षेत्रों के संभागीय आयुक्तों और संबंधित उपायुक्तों के साथ एक विस्तृत बैठक की गई। अमरनाथ यात्रा के लिए लगभग 6-8 लाख यात्रियों के आने की उम्मीद है और यह जम्मू-कश्मीर के इतिहास की सबसे बड़ी यात्राओं में से एक होगी। यात्रा के लिए जो व्यवस्था की जाती है वह हर साल की तुलना में दोगुनी होगी और इस साल इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों के स्वागत के लिए पूरा प्रशासन तैयार है।
यात्रा की भव्यता और यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से की जा चुकी है और जम्मू-कश्मीर में सभी सुरक्षा एजेंसियां यात्रा को सुरक्षित बनाने में शामिल हैं। हालांकि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा पहले से ही बेहतर हो गई है सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव ने इस बात का भी भरोसा दिलाया।
इसके अलावा अपूर्वा चंद ने जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों का आगमन स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद बताया और कहा कि कोई भी देख सकता है कि पर्यटकों के आगमन से शिकारावाला, टट्टू वाले, टैक्सी और ड्राइवर और अन्य हितधारक इससे कैसे लाभान्वित हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, “कुछ दिनों पहले की तरह एलजी सिन्हा ने खुद कहा था कि पिछले कुछ महीनों में करीब 80 हजार पर्यटक जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं और आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह यहां की स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए कितना फायदेमंद होता.”
उन्होंने कहा, “हमने स्थानीय प्रशासन को न केवल यात्रा के बारे में बल्कि अन्य स्थानों के बारे में 2-3 मिनट की फिल्म बनाने का सुझाव दिया है, जो कश्मीर घाटी में देखने लायक हैं, जिसे हम देश भर के हर सिनेमा और थिएटर में दिखा सकते हैं।
कश्मीर पर्यटन की दृष्टि से बहुत बड़ा स्त्रोत है ऐसे में घाटी में हालात सुधरे तो ना केवल पर्यटकों क्रिएट दरवाजे खुलेंगे बल्कि आम जनता और पर्यटन के द्वारा अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले लोगों के लिए भी रोजगार खुलने की संभावना खुलती है। और उम्मीद है कि कश्मीर के हालात पहले से बेहतर होंगे और पिछले कुछ समय से जिस तरह से कश्मीर काम हो रहा है उम्मीद है कि कश्मीर को अलग नजरिए से ना देखना पड़े।