राष्ट्र व सामाजिक विकास में बेहतर शिक्षा को दें प्राथमिकता: प्रो. शशिकांत शर्मा

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो,

शिमला। देश और समाज के विकास के लिए बेहतर शिक्षा बहुत अनिवार्य है और इसके बिना कोई भी तरक्की नहीं कर सकता। सोमवार को हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के सदस्य प्रो. डॉ. शशिकांत शर्मा ने स्थानीय एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में आधिकारिक तौर पर दौरा किया। इस दौरान एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान सहित समस्त शिक्षक वर्ग, विभागाध्यक्ष, अधिष्ठाता व कुलसचिव ने प्रो. शशिकांत शर्मा की इस शैक्षणिक दौरे को विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों और शिक्षकों के लिए एक प्रेरक के रूप में माना कि उनका यह शैक्षणिक दौरा सीखने-सिखाने की प्रक्रिया का परिवर्तन है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों, विभागाध्यक्षों और अधिष्ठताओं, निदेशकों और छात्रों से रूबरू होते हुए प्रो. शशिकांत शर्मा ने कहा कि हम सभी सारी जिंदगी छात्र ही हैं, हमें सीखना भी है और सिखाना भी है परंतु इसमें छात्रहित, समाजहित और राष्ट्रहित में शिक्षा को और बेहतर बनाना होगा।

प्रो. शशिकांत शर्मा ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य भी यही है। प्रो. शर्मा ने बताया कि देश के विकास में उच्च शिक्षा को विश्वविद्यालयों में इस तरह से पढ़ाया जाए कि छात्रों में बेहतर गुणों का विकास हो और शिक्षा से उनमें ज्ञान, विषयों में निपुणता, नवाचारों से जॉब-सृजन और रोजगार के अवसर भी विकसित हों और शिक्षा को क्लासरूम से बाहर निकल समाज व राष्ट्र के विकास में कामयाब बनाएं। प्रो. शशिकांत शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने प्रोफेशनल कोर्स में डिग्री व डिप्लोमा को इस तरह से विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक कररिकलं में शामिल करने का निर्णय लिया है कि अब दो डिग्री और डिप्लोमा एक साथ किया जा सकता है ताकि छात्र जॉब-सृजन और जॉब पाने में सामार्थ्य रखते हों। प्रो. शर्मा ने कहा कि कई बार छोटे-छोटे प्रोफेशनल कोर्स भी छात्रों की प्रतिभा निखारने में मददगार साबित होते हैं जैसे कि विदेशों में इस तरह के पाठ्यक्रमों को छात्रहित में पढ़ाया जाता है।

प्रो. शशिकांत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों का खोलना हिमाचल प्रदेश से छात्रों का बाहरी राज्यों व विदेशों में पढ़ाई करने के पलायन को रोकने के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश व घर-द्वार में ही सबको सुलभ हो और बेहतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले जिससे जॉब-सृजन भी हो और रोजगार भी मिले। प्रो. शशिकांत ने एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के सभी प्रध्यापकों, अधिष्ठताओं और विभागाध्यक्षों के साथ अलग से शैक्षणिक बैठक की और विश्वविद्यालय में पढ़ाए जा रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों की जानकारी ली और पढ़ाई को और अधिक बेहतर बनाने के लिए दिशा-निर्देश व टिप्स दिए कि शिक्षक कैसे छात्रों में नवाचारों से अवगत करवाएँ, शोध कार्यों पर फ़ोकस, अन्य विश्वविद्यालयों के साथ शोध कार्यों के लिए समन्वय स्थापित करना, विषय विशेषज्ञों की लेक्चर सीरीज, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छात्रों को पढ़ाई के साथ तैयार करना, छात्रों में प्रोफेशनल स्किल्स को विकसित करना, समय-समय पर छात्रों की काउंसलिंग करना तथा माता-पिता के साथ छात्रों का पढ़ाई, जॉब-प्लेसमेंट संबंधित फीडबैक लेना जरूरी है और कहा कि छात्रों को अच्छे कार्यों, खेलकूद, एनसीसी, शोध-,कार्यों में थोड़ा व्यस्त रखें ताकि युवाओं का गलत कामों की ओर आकर्षित न हों। प्रो. शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय का इंफ्रास्ट्रक्चर सबसे बेहतरीन है और उसी तरह ईमानदारी से मेहनत कर छात्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कर्मठ शिक्षकों द्वारा प्रदान की जा सकती है ताकि यह विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मॉडल विश्वविद्यालय बनें। प्रो. शशिकांत शर्मा ने शिक्षकों और विश्वविद्यालय प्रसाशन को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक )के लिए कार्य में तेजी लाएं। शर्मा ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि जो शिक्षक रिसर्च के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करते हैं उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से प्रोत्साहन हेतु इन्सेन्टिव दिया जाए।

सभी विभागों की विजिट व निरक्षण करने के पश्चात प्रो. शशिकांत शर्मा ने छात्र-नामांकन, शैक्षणिक रिपोर्ट , जॉब प्लेसमेंट, छात्र-शिक्षक-ब्यौरा, संबंधित विभागों के विभागाध्यक्षों, अधिष्ठताओं द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का मूल्यांकन किया और कहा कि जॉब-ओरिएंटेड कोर्सेज को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए रखें। सभी विभागों में कार्यरत प्रध्यापकों का विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उनकी योग्यता व अनुभव, शोधों, प्रकाशित पुस्तकों का ब्यौरा, विश्वविद्यालय के बारे में पूर्ण जानकारी उपलब्ध हो और अध्ययन सामग्री व अच्छे – अच्छे लेक्चर्स भी वेबसाइट पर उपलब्ध हों ताकि अन्य छात्र भी प्रेरित हों। विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मीडिया एंड मास कम्युनिकेशन को बेहतरीन मीडिया स्कूल कहा जो छात्रों को अपने स्टूडियो में पूर्ण प्रैक्टिकल व स्किल डेवलपमेंट पढ़ाई के साथ शत-प्रतिशत छात्रों की जॉब-प्लेसमेंट करवाता है। प्रो. शशिकांत शर्मा ने कहा कि शिक्षक छात्रों में अपने देश के बारे और देश की एकता, प्रेम और राष्ट्रवाद की ओर भी प्रेरित करें।

कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने रेगुलेटरी कमीशन के सदस्य प्रो. शशिकांत शर्मा के इस आधिकारिक दौरे से विश्वविद्यालय के प्रध्यापकों को दिए गए नवाचारों व दिशा-निर्देशों पर और अधिक खरा उतरेंगें और नैक के लिए कार्य में तेजी लाई जा रही है।