रामपुर के नोगली में चिट्टा तस्करों के खिलाफ एक जुट हुईं महिलाएं, तस्करों के ठिकानों तक पहुँच कर की आवाज बुलंद

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रामपुर: हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्र में लगातार बढ़ते हीरोइन (चिट्टा ) के नशे एवं तस्करी को रोकने के लिए महिलाओं ने अब कमर कस ली है। इसकी शुरुआत कुछ रोज पूर्व नोगली नामक स्थान में क्षेत्र की महिला मंडलों की सैकड़ों महिलाओं ने एकत्रित होकर चिट्टा तस्करों के खिलाफ उन ठिकानों तक पहुँच कर आवाज बुलंद की थी । अब महिलाओं ने राजनीति से ऊपर उठ कर रामपुर में बैठक कर भावी परेखा भी तैयार की। बैठक में महिलाओं ने बताया कि चिट्टा एक ऐसी बीमारी है,जो कोरोना से भी घातक है। कोरोना का तो इलाज संभव हुआ है ,लेकिन इस हीरोइन (चिट्टे) से युवाओ को बाहर निकालना मुश्किल हो गया है। इसलिए यह जरूरी हो गया है कि युवा पीढ़ी को बचाने के लिए घर की चारदीवारी से महिलाएं बाहर निकल कर एक अभियान चलाए और यह दिखाएं कि नारी शक्ति किस तरह से समाज में बदलाव लाने के लिए सक्षम है।

इस बैठक में शिमला जिला रामपुर व् आस पास तथा कुल्लू ब्रो जगातखाना आदि क्षेत्रों से पंचायती राज संस्थाओ से जुड़े
प्रतिनिधियों एवं विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं की महिलाओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा दोनों जिलों में चिट्टे को रोकने के लिए महिलाएं आगे आएगी , जिस में पुलिस प्रशासन को भी विश्वास में लेकर आगे बढ़ेंगे। व रैलियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करेंगे और जो इस धंधे में जुड़े हैं उनको बेनकाब करने के लिए किसी भी हद तक जा कर बेनकाब का प्रयास करेंगे। उन्होंने सरकार से मांग की है कि रामपुर में पुलिस अधीक्षक स्तर का अधिकारी तैनाती हो और रामपुर के साथ लगते कुल्लू ज़िले को भी उन अधीन लाया जाए। अन्यथा दो ज़िलों मध्य सतलुज नदी पर बने पुलों
की वजग से तस्कर इधर से उधर भागने में सफल हो रहे है।

इस मुद्दे को लेकर समाज सेवी बिश्ना भंडारी ने बताया बैठक में पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधि चाहे वह वर्तमान में या पूर्व में रहे हो ,स्वयंसेवी संस्थाओ की महिलाये बैठक में शरीक हुई। राजनीति से ऊपर उठकर एक सांझा मंच चिट्टे के खिलाफ तैयार किया है। रामपुर में जिस तरह से
चिट्टे का व्यापार फैल रहा है वह कोरोना महामारी से कहीं घातक है। कोरोना का तो इलाज संभव था, लेकिन इसका संभव नहीं। इसीलिए महिलाएं घरों से बाहर निकल कर हीरोइन के खिलाफ जंग लड़ने की तैयारी कर चुकी है। वर्तमान में चिट्टा का प्रचलन की अब कोई भी सुरक्षित नहीं है।

इस बारे में बात करते हुए नितिका ने कहा कि रामपुर शिमला जिले में पड़ता है जबकि साथ लगता सतलुज पार का क्षेत्र कुल्लू जिले में। ऐसे में 2 जिलों के बीच में
तस्कर आसानी से पुलिस से बच जाते हैं। वे मांग करते हैं कि रामपुर में पुलिस अधीक्षक स्तर के एक अधिकारी बिठाया जाए और दोनों जिलों के इस क्षेत्र को उसके अधीन लाकर काम किया जाए। ताकि ऐसे तस्करों पर रोक लग
सके।