डॉ एम डी सिंह का कथन, मंकीपॉक्स से बचाव में होम्योपैथिक औषधियां कारगर

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शिमला: कोरोना अभी ठीक से खत्म नहीं हुआ है कि अब मंकी पॉक्स की दस्तक ने लोगों को एक नए खौफ में डाल दिया है। मंकी पॉक्स एक ऐसा वायरस है जो ह्यूमन तो ह्यूमन फैलता है। यानी अगर कोई किसी संक्रमित के संपर्क में आता है तो उसे भी तुरंत पकड़ लेता है। मंकी पॉक्स ने केंद्र और राज्यों की सरकारों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं।

मंकीपॉक्स कोई नया रोग नहीं है। यह एक स्मॉल पॉक्स की फैमिली के वायरस द्वारा फैलने वाला संक्रामक रोग है। जिसे पहली बार डेनमार्क की एक प्रयोगशाला में प्रयोगों के लिए लाए गए दो बंदरों में 1958 में पाया गया। बंदरों के अतिरिक्त इसे चूहों और गिलहरियों को भी संक्रमित करते हुए पाया गया है। इन्हीं जानवरों से यह मनुष्य तक पहुंचा। वैसे तो यह कोविड-19 जैसे ही फैलने वाला संक्रामक रोग है किंतु भयभीत होने की नहीं इससे सतर्क रहने की जरूरत है । आज अब तक यह 75 देशों तक पहुंच चुका है। अब तक दिल्ली , उत्तर प्रदेश सहित अनेक राज्यों में संक्रमित मरीज मिल चुके हैं।

यह आंकड़ा पूरी तरह कोविड-19 की पुनरावृत्ति है।
लेकिन ज्यादा डराने वाली बात एक खबर है जिसमें कहा गया कि कुछ युद्धरत देश इसका प्रयोग बायोलॉजिकल हथियार के रूप में कर सकते हैं। इसलिए सारी दुनिया और चिकित्सा पद्धतियों को सतर्क हो जाने की जरूरत है। 3 दिन पहले वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इसको लेकर वर्ल्ड इमरजेंसी की बात कही है।

मंकीपॉक्स के लिए होम्योपैथी सबसे उपयुक्त चिकित्सा पद्धति है। क्योंकि इसके पास रोग से पहले बचाव के लिए और हो जाने के बाद चिकित्सा के लिए भी कारगर लाक्षणिक दवाएं उपलब्ध है। मंकीपॉक्स से बचाव के लिए होम्योपैथिक औषधि
मैलेन्ड्रिनम 200 अचूक है । यह औषधि वैक्सीनेशन के दुष्प्रभाव को भी सफलतापूर्वक खत्म कर देती है। स्मॉल पॉक्स के एपिडेमिक के समय अनेक होम्योपैथिक चिकित्सकों ने टीका के रूप में इसका प्रयोग सफलतापूर्वक किया और अपना अनुभव लिखा है । स्मालपॉक्स के एक एपिडेमिक के समय इस औषधि का प्रयोग अन्यों के अतिरिक्त अपने ऊपर भी स्वयं किया और उस काल में वे सभी सुरक्षित रहे।उस समय उन्होंने मैलेन्ड्रिनम 30 c का प्रयोग अपने ऊपर सुबह शाम किया और दो बार और दोहराया। इसकी प्रामाणिकता को सिद्ध करने के लिए उन्होंने स्मालपॉक्स के मरीजों के बीच रहते हुए भी वैक्सीन नहीं लगवाया और वे सुरक्षित रहे। स्मालपॉक्स जैसे लक्षणों वाले मंकी पाक्स पर भी इस औषधि को 200 शक्ति में 10:–10 दिन पर एक-एक खुराक तीन बार
देकर सबको सुरक्षित किया जा सकता है।