आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला: नंद लाल शर्मा के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने बताया कि एसजेवीएन ने 210 मेगावाट लुहरी हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट स्टेज-1 के लिए कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड के साथ 220 केवी डी/सी सिंगल ज़ेबरा ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण के लिए एक समझौता किया है।
नंद लाल शर्मा ने आगे बताया कि हिमाचल प्रदेश के शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में फैली यह पनबिजली परियोजना बिजली पारेषण के लिए आईएसटीएस नेटवर्क के माध्यम से मंडी जिले के नानज में 220/400 केवी जीआईएस पूलिंग से जुड़ी होगी। समझौते में 71.18 करोड़ रुपये के खर्च की परिकल्पना की गई है और इसमें अगस्त 2024 तक कमीशन की गई ट्रांसमिशन लाइन की एंड टू एंड डिलीवरी शामिल है।
नंद लाल शर्मा ने आगे कहा कि लुहरी एचईपी स्टेज -1 को प्रति वर्ष 758 एमयू ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जिसे इस आईएसटीएस नेटवर्क लाइन के माध्यम से प्रेषित किया जाएगा। यह ‘मिनी रत्न’ कंपनी के विविध पोर्टफोलियो को मजबूत करने की दिशा में एक और मील का पत्थर है जो राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए एसजेवीएन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शर्मा ने आगे कहा।
अनुबंध समझौते पर आज द्वारा हस्ताक्षर किए गए। सलिल शमशेरी कार्यकारी निदेशक, विद्युत अनुबंध, एसजेवीएन और श्री। प्रबीना कुमार मोहंती उपाध्यक्ष, गुजरात स्थित कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड के प्रोजेक्ट्स इस अवसर पर एसजेवीएन और कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन के पास वर्तमान में लगभग 42,000 मेगावाट का कुल पोर्टफोलियो है और यह ऊर्जा क्षेत्र के सभी व्यावसायिक कार्यक्षेत्रों यानी हाइड्रो, थर्मल, नवीकरणीय स्रोतों के अलावा बिजली पारेषण और पावर ट्रेडिंग में विविधता लाने और उद्यम करने के लिए कार्यात्मक है। नई परियोजनाओं के हालिया परिवर्धन कंपनी को 2023 तक 5,000 मेगावाट, 2030 तक 25,000 मेगावाट और 2040 तक 50,000 मेगावाट स्थापित क्षमता के अपने साझा दृष्टिकोण को साकार करने की ओर अग्रसर कर रहे हैं।