राज्य कर और उत्पाद शुल्क विभाग ने राज्य भर के 38 स्थानों पर 4,400 हितधारकों को किया जागरूक, बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल हुआ अभियान

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शिमला: राज्य कर और उत्पाद शुल्क विभाग, हिमाचल प्रदेश ने आज राज्य भर में 38 स्थानों पर 4,400 हितधारकों की भागीदारी के साथ एक साथ जीएसटी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए। राज्य कर और उत्पाद शुल्क आयुक्त ने बताया कि आज के कार्यक्रम में सभी क्षेत्रों के उद्यमियों, व्यापार और उद्योग के सदस्यों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि इस आयोजन को व्यापार और उद्योग जगत ने खूब सराहा। उन्होंने हितधारकों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए विभाग की अनूठी पहल का समर्थन करने के लिए राज्य सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आयोजनों के दौरान हितधारकों से एकत्र की गई प्रतिक्रिया का उपयोग भविष्य के जागरूकता कार्यक्रमों को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा।

आज आयोजित इस कार्यक्रम को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा एक अद्वितीय रिकॉर्ड के रूप में घोषित किया गया है। इस संबंध में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि भानु प्रताप ने प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया। और मौके पर सुभाषिश पांडा, एच.पी. सचिवालय में विभाग के प्रमुख सचिव भी मौजूद रहे।

इस अवसर पर बोलते हुए सुभाषिश पांडा ने कहा कि स्वैच्छिक कर अनुपालन आधुनिक कर प्रशासन की जीवन रेखा है। विभाग ने इस जीवन रेखा को मजबूत करने के लिए जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स HAAT की पहल की

उन्होंने कहा कि जनवरी 2022 में मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किया गया कार्यक्रम, इस दिशा में नवीनतम पहल थी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा प्राप्त समान से आज की अनूठी पहल से बेहतर स्वैच्छिक कर अनुपालन सुनिश्चित करने मैं मदद मिलेगी और जीएसटी प्रावधानों के बारे में अधिक जागरूकता पैदा होगी। उन्होंने व्यापार और उद्योग के मुद्दों के प्रति संवेदनशील होने और सफलतापूर्वक आयोजन के लिए विभाग को बधाई दी।

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि भानु प्रताप ने बताया कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में उच्चतम स्तर की पारदर्शिता बनाए रखते हुए उत्कृष्टता को प्रमाणित करने और सम्मानित करने का त्रुटिहीन रिकॉर्ड है। उन्होंने इस महान उपलब्धि को सफलतापूर्वक हासिल करने के लिए विभाग को बधाई दी।