पूर्व सैनिकों के योगदान को भूल गई आज की पीढ़ी: कार्यालयों में अपने काम के लिए धक्के कहें को मजबूर सैनिक 

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शिमला में पूर्व सैनिकों को किया गया सम्मानित,
शिमला में पूर्व सैनिकों को किया गया सम्मानित,
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। यूं तो आज आजादी के अमृत महोत्सव के चलते विभिन्न युद्धों में हिस्सा लेने वाले वीर सैनिकों को सैन्य सम्मान समारोह में सम्मानित किया जाता है। शुक्रवार को भी शिमला जिला के पूर्व सैनिकों को शिमला में सैन्य सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया। समारोह में शिमला के तीन पूर्व सैनिकों लेफ्टिनेंट कर्नल दौलत सिंह चौहान (राजपूत रेजिमेंट) सूबेदार मेजर (हॉनरेरी कैप्टन) शाम लाल शर्मा, व हवलदार शमशेर सिंह (कोर्प्स ऑफ सिग्नल्स) को सैनिक गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।
लेकिन आज की युवा पीढ़ी इन वीर सैनिकों के योगदान को भूलती नजर आ रही है, जोकि चिंता का विषय बना हुआ है। सैनिकों को आम आदमी की तरह कार्यालयों में अपने काम के लिए धक्के खाने पड़ते हैं। सैनिकों को जो सम्मान मिलना चाहिए वह नही मिल पाता है।

 

आपको बता दे कि इन सैनिकों ने 1971 के भारत पाक युद्ध, कारगिल युद्ध में अद्वितीय साहस का परिचय दिया था। लेफ्टिनेंट कमांडर अतुल चम्बियाल उप निदेशक जिला सैनिक कल्याण कार्यालय  जिला शिमला व किन्नौर ने बताया कि यह गौरव पुरस्कार जिला शिमला के पूर्व सैनिक योद्धाओं को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया है। जिसमे कारगिल व अन्य युद्धों में दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया गया है।

अग्निवीर योजना को लेकर पूर्व सैनिकों का कहना है कि यह युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए अच्छी योजना हैं। लेकिन चार साल बाद इनका क्या होगा सरकार को इस बारे में सोचना होगा। अग्निवीरों को ट्रेनिंग दी जाएगी ऐसे में अगर देश पर कोई आपदा आती हैं तो ये सैनिक अपनी देश की सेवा के लिए बुलाए जा सकते हैं।