मनोहर हत्याकांड में सरकार का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण, पीड़ित परिवार से मिलने नहीं पंहुचे CM और मंत्री: शशि दत्त भारद्वाज

नेता प्रतिपक्ष व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को भी मिलने न देना, कर रहा सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा

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भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता शशि दत्त शर्मा
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता शशि दत्त शर्मा
आदर्श हिमाचल ब्यूरो 
शिमला।  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शशि दत्त शर्मा ने कहा है कि हिमाचल सरकार चंबा की घटना को लेकर कितनी असंवेदनशील है, इस बात का पता यहीं से चलता है कि घटना के इतने दिन बीत जाने के बाद भी न तो कोई मंत्री और न ही मुख्यमंत्री खुद पीड़ित परिवार से मिलने पंहुचे। ये बेहद दुखद है। हिमाचल प्रदेश में पहली बार इतनी दर्दनाक घटना घटी है जहां की एक दलित लड़के को जिसकी उम्र सिर्फ 25 साल थी, पहले अपहरण किया गया और फिर उसके शरीर के 8 टुकड़े कर लिए गए। लेकिन सरकार के और सरकार से जुड़े लोग इस घटना को छोटी घटना बता रहे है।
          भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री बताए कि पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पीड़ित परिवार से क्यों नही मिल सकते है। पूर्व  मुख्यमंत्री व भाजपा अध्यक्ष इसी प्रदेश के निवासी है और उनकी संवेदनाएं प्रदेश के हर नागरिक से जुड़ी है। उनके साथ अनेक विधायक भी थे। उनको रोकना दुर्भाग्यपूर्ण है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डा. राजीव बिंदल को पीड़ित परिवार से मिलने से रोकना कहीं न कहीं सरकार की मंशा व कार्यप्रमाली दोनों पर सवाल खड़े करता है। ये कहीं न कहीं संदेह पैदा करता है कि सरकार अपराधियों को मदद करने का प्रयास कर रही है । वहीं सरकार से जुड़े प्रतिनिधियों के बयान मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास है।
         भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शशि दत्त ने कहा कि सरकार इस घटना की तुरन्त NIA  की जांच के आदेश दें जिससे कि इस घटना से जुड़े अपराधियों की जांच हो पाए। मनोहर का हत्यारा एक पेशेवर अपराधी है, पूर्व में भी उसका नाम कई गंभीर कई अपराधों से जुड़ा है। वहीं हत्यारोपी के खाते में 2 करोड़ रुपये होना भी अपने आप में  जांच का एक विषय है।  भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि  मुख्यमंत्री का बयान कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार 95 % हिंदुओं को हरा कर बनी है,  दुखद तो है ही साथ साथ चम्बा के इस नृशंस हत्याकांड में न ही पीड़ित परिवार से मिलने जाना और न ही NIA की जांच की सिफारिश करना सरकार की मंशा को दर्शाता है कि यह सरकार असंवेदनशील सरकार है।