राज्यपाल ने किया मंडी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा, प्रभावित परिवारों से मिलकर बांटा दुःख-दर्द

प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री की वितरित, साथ ही एक माह का वेतन राहत कोष में देने की भी की घोषणा

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

Ads

 

 

मंडी। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने मंडी जिला के पंडोह, औट का दौरा किया, जहां भारी बारिश, भूस्खलन व बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने प्रभावित लोगों से बातचीत की तथा प्रशासन द्वारा कार्यान्वित राहत एवं पुनर्वास कार्यों की जानकारी हासिल की।

 

राज्यपाल ने पंडोह ने करीब 100 साल पुराने पुल का निरीक्षण भी किया जो बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है। उन्होंने लोअर पंडोह के प्रभावित परिवारों, जिन के मकानों को बाढ़ के कारण नुकसान हुआ है, के घर जाकर बातचीत की और सांत्वना व आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि वह उनकी पीड़ा को समझ सकते हैं।

 

राज्यपाल ने लारजी जल विद्युत परियोजना के पॉवर हाउस और डवार क्षेत्र का दौरा भी किया। उन्होंने औट में क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण भी किया। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने तृतीय भारतीय आरक्षित वाहिनी पंडोह में आयोजित कार्यक्रम में जिला रेडक्रास मंडी के माध्य्म से बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत किट वितरित किये।

 

यह भी पढ़े:- आपदा में जनता पर बोझ डालना अमानवीय, कांग्रेस सरकार ने दूसरी बार बढ़ाया डीजल पर वैट

 

इस अवसर पर राज्यपाल ने फौरी राहत के तौर पर केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को दी गई साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये की राहत राशि के लिये आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रभावितों को और सहायता का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने जिस तत्परता से कार्य किया है वह प्रशंसनीय है।

 

 

उन्होंने बचाव कार्य में लगे भारतीय वायु सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि अभी नुकसान का पूर्ण आकलन किया जा रहा है। उन्होंने जिला प्रशासन को नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट उन्हें भी देने के निर्देश दिये तथा कहा कि नुकसान बहुत ज्यादा है और वह भी रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार से अधिक राहत उपलब्ध करवाने के लिये बात करेंगे।

 

राज्यपाल ने कहा कि प्रकृति से सबक लेने की जरूरत है और ऐसे प्रयास किये जाने चाहिये कि भविष्य में और नुकसान न हो।
उन्होंने इस मौके पर अपने एक माह के वेतन को राहत कोष में देने की घोषणा भी की।