शिक्षा विभाग: अब प्रदेश के स्कूलों और कॉलेजों में होगा ऑनलाइन आर.टी.आई. पोर्टल व डैशबोर्ड का उपयोग

साथ ही कोर्ट में लंबित मामलों को सुलझाने के लिए शिक्षा विभाग ने की कमेटी गठित 

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शिक्षा विभाग
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सचिवालय में शिक्षा विभाग की ब्रांच के अधिकारियों को भी बदला

 

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

 

शिमला । कोर्ट में लंबित मामलों को कोर्ट सुलझाने के लिए शिक्षा विभाग ने कमेटी बनाई है। प्रारंभिक व उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस कमेटी में शामिल किया गया है। कमेटी कोर्ट में लंबित मामलों पर जवाब तैयार करेगी और इसे कोर्ट के समक्ष रखेगी। इस दौरान कमेटी को भर्ती और प्रमोशन के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के निर्देश दिए गए हैं। गौर हो कि शिक्षा विभाग के हजारों मामले कोर्ट में विचारधीन है। इनमें प्रारंभिक शिक्षा विभाग के सबसे ज्यादा मामले हैं। इनमें शिक्षक वर्ग के अधिकतर प्रमोशन और भर्ती के मामले हैं।  जे.बी.टी. भर्ती भी इसमें प्रमुख है। जानकारी के अनुसार स्कूल और कॉलेजों के निर्माण कार्यों से जुड़े कई मामले भी कोर्ट में है। हाल ही में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में हुई अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया था। इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने  शिक्षा अधिकारियों से मामले पर  अभी तक की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी देने को कहा है।

 

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सरकार ने सचिवालय में शिक्षा विभाग के कई अफसरों की शाखाओं में बदलाव किया। इस दौरान प्राइमरी सैक्शन  से लेकर हॉयर एजुकेशन सैक्शन में विभाग के अधिकारियों को बदला गया है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का कहना है कि विभाग के कई मामले वर्षों से कोर्ट में लंबित है। इन मामलों को सुलझाने के लिए अधिकारियों की  एक कमेटी बनाई गई, जो कोर्ट से जुड़े मामलों पर पूरी जानकारी के साथ जवाब तैयार करेंगे। उनका कहना है कि सरकार की प्राथमिकता भर्ती एवं पदोन्नति के मामलों को सुलझाने की रहेगी।

शिक्षा विभाग ने जिला उपनिदेशकों, स्कूल और कॉलेजों को नियमित रूप से ऑनलाइन आर.टी.आई. पोर्टल व डैशबोर्ड का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही  आर.टी.आई. अधिनियम, 2005 की निर्धारित अवधि के भीतर लंबित ऑनलाइन आर.टी.आई. आवेदनों व अपील का निपटारा सुनिश्चित करने को कहा है।

 

हिमाचल प्रदेश राज्य सूचना आयोग के आदेशों के बाद विभाग के निदेशक की ओर से उक्त निर्देश जारी किए गए हैं। बताया जा रहा है कि आयोग को आर.टी.आई. आवेदनों के खिलाफ अधिकांश ऑनलाइन दूसरी अपीलें प्राप्त हो रही हैं, जिनका न तो पी.आई.ओ द्वारा जवाब दिया जाता है और न ही विभिन्न सार्वजनिक प्राधिकरणों के प्रथम अपीलीय अधिकारियों द्वारा जवाब दिया गया है। ऐसे में साफ है कि अभी भी लोगों में ऑनलाइन आर.टी.आई. पोर्टल के बारे में जागरूकता की कमी है।

 

 

सूचना है कि पी.आई.ओ. के पास ऑनलाइन आर.टी.आई. आवेदनों की लॉगिन क्रेडेंशियल नहीं है। इसके  चलते राज्य सूचना आयोग में दायर दूसरी अपीलों की मात्रा में वृद्धि हुई है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि कार्यालयों व संस्थानों से संबंधित ऑनलाइन आर.टी.आई आवेदनों व अपीलों के निपटान के लिए सभी पी.आई.ओ.एस. को  क्रेडेंशियल पहले ही जारी किए जा चुके हैं। यदि किसी पी.आई.ओ. व अपील प्राधिकारी को यह नहीं मिला है, तो वे पी.आई.ओ. और एफ.ए.ए.की सूची देख सकते हैं, लेकिन वह इसमें रूचि नहीं दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में विभाग ने संबंधित अधिकारियों को इस मामले को गंभीरता से लेने क ो कहा है।