आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) हिमाचल प्रदेश द्वारा ‘मेकिंग हिमाचल प्रदेश द केपिटल ऑफ ग्रीन एंड क्लीन एनर्जी’ विषय पर आयोजित सीआईआई पावर कॉन्क्लेव के चौथे संस्करण का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने हिमाचल के सतत् विकास और समृद्ध भविष्य के दृष्टिगत हरित और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में एकजुट प्रयासों का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि विकास के साथ ही सभी को मिलकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी कार्य करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हरित और स्वच्छ ऊर्जा केन्द्र बनने की परिकल्पना को साकार करने के लक्ष्य में ग्रिड एकीकरण, तकनीकी प्रगति, वित्तपोषण और सामुदायिक जुड़ाव सहित कई चुनौतियां है। उन्होंने कहा कि हर चुनौती नवाचार और विकास के अवसर प्रदान करती है और हम सब मिलकर इन बाधाओं को दूर करने का प्रयत्न करें।
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राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल में नदियों, वनों और पहाड़ों सहित प्रचुर प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं, जो नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लिए अपार संभावनाएं पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों का समुचित दोहन सुनिश्चित कर हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में देश के समक्ष एक आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरित और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र को अपनाना केवल एक पर्यावरणीय अनिवार्यता ही नहीं अपितु यह एक आर्थिक अवसर भी उपलब्ध करवाता है। यह सतत् विकास, जलवायु परिवर्तन से निपटने और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जल विद्युत, सौर ऊर्जा, पवन और जैव ईंधन (बायोमास) जैसे हरित और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से हम ऊर्जा क्षेत्र के परिदृश्य को बदलने में सक्षम हैं और इनसे आर्थिक विकास और रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में हरित और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई अग्रणी कदम उठाए हैं। राज्य सरकार द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन और सब्सिडी प्रदान करने के साथ ही अनुकूल नीतियां कार्यान्वित की जा रही है। उन्होंने कहा इन प्रयासों के परिणामस्वरूप नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विशेष रूप से जलविद्युत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हिमाचल को हरित और स्वच्छ ऊर्जा का प्रमुख केंद्र बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आपसी सहयोग और साझा प्रयास आवश्यक हैं।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश ज्ञान का आदान-प्रदान करने, सर्वोत्तम प्रणालियों को साझा करने और नवीन समाधान तलाशने के लिए उद्योग जगत के दिग्गजों, विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सीआईआई पावर कान्क्लेव इस प्रकार के समन्वय स्थापित करने के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी प्रतिभागी इस दिशा में सक्रिय रूप से सहयोग करेंगे। उन्होंने आह्वान किया कि इस मंच का उपयोग प्रतिभागियों द्वारा विचारों को साझा करने, चुनौतियों पर चर्चा और सहयोग के अवसरों की पहचान करने के लिए किया जाए। सीआईआई हिमाचल प्रदेश के उपाध्यक्ष नवेश नरूला ने राज्यपाल का स्वागत किया और पर्यावरणीय चुनौतियों और पर्यावरण से संबंधित मुद्दों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।