आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला: किन्नौर जिले में रली के पास सतलुज नदी पर निर्माणाधीन 450 मेगावाट जलविद्युत शोंग-टोंग परियोजना के निर्माण के दौरान ट्रॉली का हुक टूटने से उसके नीचे दबने से दो सुपरवाइजरों की मौत हो गई है। सोमवार देर रात हुए इस हादसे में बिहारी लाल पुत्र कर्मचंद निवासी ननखड़ी, रामपुर, शिमला और खूब राम पुत्र जवाहर लाल निवासी निरमंड, कुल्लू की मौत हुई है।
पुलिस अधीक्षक अशोक रतन ने बताया कि परियोजना का काम देख रही पटेल कंपनी के खिलाफ लापरवाही बरतने पर धारा 336 के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि एचपीपीसीएल जलविद्युत परियोजना का निर्माण कार्य चला हुआ था और दो सुपरवाइजर अपनी टीम को काम बताकर ट्रॉली से ऊपर आ रहे थे। इसी बीच ट्रॉली का हुक टूट गया। इससे दोनों सुपरवाइजर ट्रॉली के नीचे दब गए, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस कर्मियों और कंपनी प्रबंधन ने शव वहां से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए क्षेत्रीय चिकित्सालय रिकांगपिओ भेज दिए। उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने हादसे पर दुख जताया है।
वहीं, एचपीपीसीएल के वरिष्ठ प्रबंधक हेमराज ने बताया कि मृतकों के परिजनों को नियमानुसार राहत राशि दी गई है और हादसे के कारणों की जांच चली रही है। पटेल के महाप्रबंधक पीपी शर्मा से इस बारे में बात करने के लिए फोन किया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई। 7 मई को टिढोंग में भी हुक टूटने से तीन मजदूरों की गई थी जान, किन्नौर जिले में ही इससे पूर्व पिछले माह 7 मई को टिढोंग जलविद्युत परियोजना में भी ट्राली का हुक टूटने से तीन मजदूरों ने मौत हो गई थी। प्रशासन ने जांच कमेटी का गठन कर उस हादसे की जांच शुरू की थी, लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है।