फर्जी गरीबों पर हो कार्रवाई, पात्र को मिलें उसका हक, अपात्र हो बाहर-विशाल चौहान

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। प्रदेश में गरीबों को उनका हक नहीं मिल रहाए गरीबों का हक छीनने में अधिकारी व कर्मचारी भी पीछे नहीं है। यह बात युवा सामाजिक कार्यकर्ता विशाल चौहान ने कही है। उनका कहना हैं कि ग्राम सभाओं में अधिकारियों की मिलीभगत से ही फर्जीवाड़ा होता है। इसका जीता जागता सबूत हाल ही में समाचार पत्रों में प्रकाशित हो चुका है। प्रदेश सरकार को इसके लिए विशेष मापदंड तय करने होंगे। यदि इसके बावजूद कोई व्यक्ति फर्जी पाया जाता है तो सबसे पहले पंचायत प्रतिनिधि सचिव व पटवारी पर मामला दर्ज होना चाहिए । क्योंकि ये सभी व्यक्ति की चलअचल संपति की जानकारी रखते है।

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न्होनें कहा कि पटवारी को सब मालूम होता हैं कि किसके पास कितनी जमीन जायदाद है और उससे कितनी आय होती है। अधिकतर देखा गया है कि जब व्यक्ति को ऋण लेना होता है तो वो पटवारी से लाखों की आय जो उसकी जमीन से होती है वह लिखवाता हैं और यदि नौकरी बात आए तो उसकी आय कम हो जाती है। विशाल चौहान का कहना हैं कि हाल ही में जो फर्जी गरीब का जो मामला सामने आया है वह चैंकाने वाला है। इससे सपष्ट होता है कि गरीबों को आज भी उनका हक नहीं मिल पा रहा है। विशाल चौहान ने सरकार से अपील की है कि प्रदेश सरकार इस मामले की सख्ती से जांच करवाएं और दोषी अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कारवाई अमल में लाई जाएं।
न्होनें कहा कि ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे जो फर्जी गरीब बने है साथ ही चयन करने वाली टीम पर भी कारवाई करनी चाहिए कि उन्होंने किस प्रलोभन से इन्हें फर्जी गरीब बनाया है। यदि इसकी निष्पक्ष जांच हो तो पंचायतों मे 90ः लोग ऐसे पाये जायेगे जो आई आर डी पी के पात्र ही नहीं है ।