अडानी सीमेंट ने हिमाचल प्रदेश की दाड़लाघाट इकाई से 85 और गगल इकाई से 58 कर्मचारियों को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित किया।

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अडानी सीमेंट की दाड़लाघाट और गगल इकाइयों से कर्मचारियों को आज उत्तरी क्षेत्र के संयंत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है। स्थानांतरित होने वाले कर्मचारियों से भरी दो बसों को आज रवाना किया गया। मुख्य रूप से कच्चे माल और तैयार उत्पादों की उच्च परिवहन लागत और सीमेंट/क्लिंकर की बढ़ती परिचालन लागत के कारण अडानी सीमेंट को बाध्यकारी परिस्थितियों में अपने कामकाज को स्थगित  करना पड़ा है।

 

संयंत्रों के बंद होने के बाद कर्मचारियों के सामने सबसे बड़ा संकट अपनी आजीविका की रक्षा करना होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने कर्मचारियों के हितों की रक्षा करते हुए दाड़लाघाट के 85 से अधिक कर्मचारियों और गगल इकाइयों के 58 कर्मचारियों को उत्तरी क्षेत्र में अडानी सीमेंट के नजदीकी संयंत्रों में भेज दिया है। इन कर्मचारियों का नियोजित स्थानांतरण तुरंत तीन ग्राइंडिंग प्लांट्स (रोपड़, बठिंडा और नालागढ़) और तीन इंटीग्रेटेड प्लांट्स (मारवाड़ मूंडवा, राबरियावास और लाखेरी) को प्रभावित करेगा।

 

उत्पादन, रखरखाव और गुणवत्ता जैसे परिचालन क्षेत्रों के लोगों को विभिन्न स्थानों पर पुनर्नियुक्त किया जा रहा है। अडानी सीमेंट हिमाचल प्रदेश में ट्रक यूनियनों के अड़ियल रुख के कारण पैदा हुई स्थिति से बेहद दुखी है। हिमाचल प्रदेश में अडानी सीमेंट की कंपनियों के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए कंपनी लगातार गंभीर प्रयास कर रही है।

 गगल और दाड़लाघाट के दोनों संयंत्रों पर बाजार में टिके रहने के लिए परिचालन की लागत कम करने का गंभीर दबाव है। ट्रक यूनियनों से बार-बार गुहार लगाने और जिला प्रशासन को सूचित करते हुए, कंपनी हमारे माल और सामग्री (सीमेंट, क्लिंकर और कच्चे माल) के परिवहन के लिए माल ढुलाई लागत में कमी का अनुरोध करती रही है।

 

ट्रक यूनियनें अत्यधिक माल ढुलाई की मांग कर रही हैं। हम इन मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए परिवहन यूनियनों सहित सभी पक्षों से सहयोग चाहते हैं।