अग्निवीर )अग्निपथ सम्बंधी कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:

आदर्श हिमाचल ब्रयूरो

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शिमला। विश्व मे कम से कम 100 देशों मे सेना मे काम करना अनिवार्य माना जाता है. कम से कम दो साल की नौकरी करना अनिवार्य है. इजराइल जैसे देश मे यदि आप सिनेमा मे काम करते हैं, यदि आप डाक्टर हैं, कम्प्युटर वैज्ञानिक हैं या फिर आप कविता लिखते हैं, आपको सेना मे काम करना ही है. केवल अपाहिज लोगों को इसमे छुट मिलती है. भारत मे अग्निवीर पद्धति के अनुसार सेना मे चार साल नौकरी का विकल्प है. आपको यह नौकरी करने के लिए कोई बाध्य नही कर सकता. ना ही सेना के इस नौकरी से देश की अन्य नौकरी पर कोई असर पड़ने वाला है.

2. अग्निवीर एक ऐसा जरिया है जिसके तहद मात्र चार साल की नौकरी सुनिश्चित की जाती है. उसके बाद 25% अग्नीवीरों को स्थाई रुप से सेना मे नौकरी मिल जाती है और शेष 75% कोई अन्य नौकरी कर सकते हैं.

3. यदि मानकर चलें कि सेना मे प्रतिवर्ष 50,000 की वर्तमान भर्ती होती है. यह होती रहेगी. अर्थात कुछ समय बाद 1.5 लाख लोग प्रत्येक साल सेना मे चार साल नौकरी करने के बाद ओपेन जाब मारकेट मे आ जाएँगे और 50 हजार सामान्य रुप मे सेना मे स्थाई रुप से जम जाएँगे.

4. ये डेढ़ लाख लोग पूर्ण रुप से प्रशिक्षित रहेंगे. ध्यान दीजिए कि सेना मे प्रशिक्षण केवल हथियार चलाने के लिए नही होता है. हथियार चलाना तो कुल प्रशिक्षण का 10% भी नही है. अन्य 90% शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण मे जाता है. शारिरीक और मानसिक रुप से प्रशिक्षित 1.5 लोग अन्य जाब, जैसे फ्लिपकार्ट, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, सेल्समैन, लाजिस्टिक/ट्रांस्पोर्टेशन इत्यादि जैसे लाखों जाब के लिए उपलब्ध रहेंगे.

5. प्राइवेट कम्पनियाँ जो आज इस बात के लिए भारत की निंदा करती है कि यहाँ के लोगों मे स्किल उपलब्ध नही है. उनको पके पकाए 1.5 लाख लोग प्रतिवर्ष मिलेंगे जो ईमानदारी और अनुशासन की शिक्षा लेकर आए हैं. इससे प्राइवेट इंडस्ट्री को बूस्ट मिलेगा.

6. यदि कोई 17 साल मे आर्मी ज्वाइन करता है तो 21 मे वह रिटायर होगा. 24 मे ग्रैजुएट होगा और उस समय उसके पास शुद्ध ट्रेनिंग और 12 लाख रुपैये मौजूद रहेंगे.

7. आज से बीस साल बाद 22लाख आर्मी से प्रशिक्षित युवाओं (जिनकी उम्र 35 से कम होगी) की फौज होगी जिनको कभी भी युद्ध अथवा शांति के समय मे प्रयोग मे लाया जा सकता है.

8. वर्तमान में देश मे सिर्फ 1% परिवार सरकारी नौकरी के बदौलत चलती है. 99% लोग अपना रोजगार खुद करते हैं. प्रश्न ये है कि कानून किसके पक्ष मे बनना चाहिए, जिससे 99% लोगों का भला हो या फिर 1% लोगो का.

9. इस अग्नीवीर पद्धति से सरकार के उपर मे खर्चा कम होगा. जनता के टैक्स के पैसे 1% के उपर मे खर्चा नही होकर 99% अन्य लोगों के भलाई के काम पर खर्चा होगा.

10. सरकार जनता के टैक्स का पैसा किसी निकम्मे व्यक्ति (सरकारी नौकरी करने वाले) के जीवन यापन सुनिश्चित करने के लिए क्यों खर्च करेगी. अन्य सरकारी विभाग मे भी यही नियम लागू हो आपकी नौकरी मात्र तीन-चार साल के लिए सुरक्षित है. यदि आपके अंदर मे स्किल है तो आपको अगला काम मिलेगा वरना आप ओपेन मार्केट मे है.