आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। असम सरकार के कृषि अधिकारियों के एक दल ने मंगलवार को कृषि निदेशालय शिमला में प्राकृतिक खेती पर विस्तृत जानकारी ली। इस दौरान उन्हें प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अधिकारियों ने विस्तार से प्रस्तुतीकरण कर जानकारी दी। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के उपनिदेशक डॉ. मोहिंदर भवानी ने बताया कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को केंद्र प्रायोजित आतमा, बीपीकेपी तथा पीकेवीवाई के सम्मिश्रण के साथ चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1.70 लाख से अधिक किसान 24000 हैक्टेयर से अधिक भूमि पर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। इन किसानों द्वारा उगाए जा रहे उत्पादों को बेचने और उनकी ब्रांडिंग के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं।
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इस दौरान कृषि वैज्ञानिक एवं अर्थशास्त्री डॉ. मनोज गुप्ता ने किसानों के प्रमाणीकरण के लिए हिमाचल द्वारा तैयार निशुल्क प्रमाणीकरण प्रणाली पर प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि इस स्वप्रमाणीकरण प्रणाली के तहत 1 लाख से अधिक किसानों को प्रणापत्र जारी किए जा चुके हैं। हिमाचल द्वारा तैयार इस प्रणाली को नीति आयोग द्वारा भी सराहा गया है।
असम सरकार के दल की अगुवाई कर रहे डॉ. मौसम हजारिका ने बताया कि असम में भी प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसलिए उनका 7 सदस्यीय दल हिमाचल दौरे पर है। उन्होंने बताया कि हाल ही में असम प्राकृतिक खेती पर कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है और राज्य में इसपर जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ाया जा रहा है ताकि लोग रसायनरहित खेती से जुड़ें। हम यहां किसानों के मॉडलों पर भी भ्रमण कर रहे हैं। इस दौरान कृषि निदेशालय में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।