एपीजी विश्वविद्यालय ने लगाया रेगुलेटरी कमीशन मेंबर पर पक्षपात का आरोप

कुलपति बोले .... कमीशन सदस्य ने गैरकानूनी आर्डर किए पास

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोण् डॉण् रमेश कुमार चौधरी ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश शिक्षा संस्थान रेगुलेटरी कमीशन के ऑडर पर एतराज जताया है । कुलपति चौधरी ने कहा कि स्थानीय एपीजी शिमला विश्वविद्यालय पर आए दिन हिमाचल प्रदेश राज्य निजी शिक्षा संस्थान नियामक आयोग की ओर से एपीजी शिमला विश्वविद्यालय पर पक्षपातपूर्ण, मनमाने, गैरकानूनी और बदनीयत से आर्डर पास कर विश्वविद्यालय को क्षति पहुंचाने में और अपने निजी स्वार्थ के लिए विश्वविद्यालय में इस सत्र से विभिन्न कोर्सेज में प्रवेश को रोकने का आदेश जारी करवाया है जो कि मनमाना आदेश है और यह सरासर कमीशन के नियमों में भी गैरकानूनी आदेश है जो कि केवल मात्र एक सदस्य ऐस पी कत्याल ने अपनी मनमर्जी से अपनी सेवानिवृत्त होने से एक दिन पहले पास किया है जिसके साथ पहले से विश्वविद्यालय के साथ पक्षपात का व्यवहार रहा है।
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कुलपति रमेश चौधरी ने कहा कि यह ध्यान रहे कि एपीजी शिमला विश्विद्यालय ने रेगुलेटरी कमीशन के किसी भी प्रोविजन व एक्ट के प्रोविजन का उल्लंघन नहीं किया है बल्कि इस संदर्भ में विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट क्वालिटी एजुकेशन को बरकरार रखने बारे समय समय पर पूर्व में भी कमीशन, हिमाचल प्रदेश सरकार और शिक्षा मंत्री को अवगत करवाया जाता रहा है और आज एक बार फिर इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज को पत्र लिखकर अवगत करवाया गया और पत्र में यह भी बताया गया कि रेगुलेटरी कमीशन के पूर्व सदस्य ने पद पर रहते हुए अपने निजी स्वार्थ के लिए मनमाने और पक्षपात पूर्ण ढंग से एपीजी विश्वविद्यालय को असामाजिक तत्वों से मिलकर विश्वविद्यालय को क्षति पहुंचाने में कोई न कोई गैरकानूनी हथकंडे अपना रहा है।
प्रो. चौधरी ने नाराजगी और हैरानी जताते हुए कहा कि किस तरह एक रेगुलेटरी कमीशन का सिंगल व अकेला एक सदस्य अपनी सेवानिवृत्ति से पहले पहले गलत ढंग ए गैरकानूनी तरीके से और अपनी शक्तियों का दुरूपयोग करते हुए गैरकानूनी तरीके प्रयोग कर ग़लत आर्डर पास करवाना सरासर नियमों के खिलाफ है बल्कि गैरकानूनी भी है।
कुलपति चौधरी ने कहा कि रेगुलेटरी कमीशन के पूर्व सदस्य जो कि हाल ही में सेवानिवृत्त हो गया है उस पर जल्द से जल्द कार्यवाही हो और एपीजी शिमला विश्वविद्यालय को कानूनी ढंग से अपने सभी अधिकार मिलें। कुलपति चौधरी ने माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से अपील कि है कि इस मामले में हस्तक्षेप करें ताकि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में पढ़ रहे विद्यार्थियों और शिक्षकों और कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो और विश्वविद्यालय को न्याय मिलें। एक निवर्तमान सदस्य द्वारा अपनी शक्ति का दुरूपयोग करके यह आदेश जारी किया गया हैए विश्विद्यालय उचित कानूनी कार्यवाही का अधिकार रखता है।

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