मौसम की मार से बेहाल हुए सेब बागवान, एक दशक में सबसे निम्न कारोबार

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

शिमला। हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन से चारों तरफ तबाही का मंजर देखने को मिला है, जिसका सबसे अधिक असर सेब कारोबार पर पड़ा है। इस सीजन पिछले 11 साल में सबसे कम सेब कारोबार हुआ है। इससे न केवल बागवानों और कारोबारियों सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है।

 

राजधानी शिमला की भट्ठाकुफर फल मंडी में सेब सीजन खत्म हो चुका है। पिछले वर्ष जहाँ इस मंडी में 20 लाख 49 हजार 412 सेब की पेटियां पहुंची थी, वहीं इस केवल 8 लाख 10 हजार 108 पेटियां ही पहुंची। कारोबारियों का कहना है कि इसका सबसे बड़ा कारण खराब मौसम की वजह से हुआ कम उत्पादन है। बादल फटने और भूस्खलन से इस वर्ष सीजन की शुरुआत भी देरी से हुई, सीजन ख़त्म भी समय से पूर्व ही हो गया। इस वर्ष 20 जून के बाद सेब भट्ठाकुर फल मंडी पहुंचना शुरू हो गया था।

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भट्ठाकुफर फल मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान प्रताप चौहान के मुताबिक पिछले वर्ष सेब सीजन जून के पहले हफ्ते में ही शुरू हो गया था और नवम्बर के दूसरे हफ्ते तक चला था। लेकिन इस वर्ष सीजन अक्टूबर में ही खत्म हो गया। उन्होंने बताया कि पिछले करीब एक हफ्ते से मंडी में सेब आना बंद हो गए हैं। दूसरी तरफ पराला मंडी में भी इस वर्ष 17 लाख 29 हजार 967 पेटियां ही पहुंची, जबकि पिछले वर्ष 27 लाख 58 हजार 320 पेटियां मंडी में पहुंची थी।

किन्नोर एपीएमसी शिमला, सचिव, देवराज कश्यप, ने कहा कि, “इस वर्ष भट्ठाकुर फल मंडी में सेब कारोबार कम हुआ है। किलो के हिसाब से सेब बिकने की वजह से भट्ठाकुफर फल मंडी में कम अढ़ाती और लदानी रह गए थे। वहीं ज्यादातर बागवानों ने अपना सेब भी बाहरी मंडियों में बेचा है।”