साथ ही मंहगाई के दौर में बढ़ रहे हैं सेब पैकिंग सामग्री और पेट्रोल-डीजल के भी दाम
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। पांच हजार की आर्थिकी वाले सेब उद्योग को सरकार का झटका पचास पैसे समर्थन मूल्य बढ़ाकर ष्ऊंट के मुँह में जीराष् भद्दा मजाक किया है। यह बात दीक्षित भारद्वाज जुब्बल कोटखाई ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सोशल मीडिया प्रभारी ने कही है। उन्होनें कहा कि जहाँ देश की जनता व गाँव के किसान- बागवान कोरोना महामारी के कारण बेरोजगारी व आर्थिकी सकंट से बुरी तरह जूझ रहा है। वहाँ सेब सीजन शुरू होते ही महंगाई के दौर में पेटी, ट्रे, सेब पैकिंग सामग्री,पेट्रोल डीज़ल व अन्य समान के दाम बढ़ रहे हैं।
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इधर सरकार ने पचास पैसे सेब का समर्थन मूल्य बड़ा कर पांच हजार करोड के सेब उद्योग से जुड़े आठ जिलों के लाखों परिवार को तोहफा दिया हैं। इधर कुदरत का कहर अधिकतर जगह पर ओले ने भारी नुकसान किया है और साथ में इस साल सेब की फसल भी बहुत कम है। जहाँ सरकार ने अभी तक पिछली साल के समर्थन मूल्य के पैसे की अदायगी नहीं की है। वहाँ आढती ने भी अभी तक बागवानों के सेब का पैसा नहीं दिया हैं। इस तरह बागवानों का शोषण कर कमर तोड़ दी है।
दीक्षित ने कहा कि भाजपा सरकार में मंत्री, विधायक व स्वयं सरकार के मुख्या सेब बहुल क्षेत्र से बागवान है। जोकि बागवानों की हर परिस्थितियों व समस्याएं से अवगत होने के बावजूद भी अनदेखी व भद्दा मजाक किया जा रहा है और बागवानों के जख्मो में नमक छिडका जा रहा है। जो कि बहुत ही दुखद व चिन्ता जनक है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस निर्णय को बदल कर पूर्ण विचार करके सेब का समर्थन मूल्य 10 रूपए किया जाये।