हरियाणा से 2 राज्य सभा सीटों हेतु  द्विवार्षिक चुनाव



आदर्श हिमाचल ब्यूरो,

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चंडीगढ़  – हरियाणा से राज्य सभा की  दो नियमित सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनावो हेतु निर्वाचन  कार्यक्रम भारतीय चुनाव आयोग द्वारा 12 मई को  घोषित कर दिया  गया है. इस चुनाव के लिए  नोटिफिकेशन आगामी  24 मई 2022  को जारी की जायेगी. 31 मई  तक नामांकन भरे जाएंगे, 1 जून  को नामांकन की जांच होगी, 3 जून  तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे, 10 जून  को मतदान एवं  मतगणना होगी  एवं 13 जून  तक  निर्वाचन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.

इस बीच यह देखना रोचक होगा कि क्या   इस बार आगामी कुछ दिनों में भारतीय  चुनाव आयोग द्वारा हरियाणा विधानसभा के मौजूदा सचिव राजेंद्र कुमार  नांदल को आगामी 2 राज्य सभा सीटो के द्विवार्षिक  चुनावो हेतु   रिटर्निंग अफसर (निर्वाचन अधिकारी ) के तौर पर पदांकित किया  जाएगा एवं एक बार फिर  उनके स्थान पर आयोग द्वारा हरियाणा कैडर के किसी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को यह कार्यभार  दिया  जाएगा.
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट  हेमंत कुमार ने बताया  कि दो वर्ष पूर्व हरियाणा से दो  राज्य सभा सीट के द्विवार्षिक चुनावो  में नांदल की बजाए   प्रदेश  कैडर के 2003 बैच के आई.ए.एस. अजीत बालाजी जोशी को निर्वाचन अधिकारी  जिम्मेदारी सौंपी  गयी थी.
 उससे  पहले मार्च, 2018 में भी हरियाणा से एक राज्य सभा सीट के द्विवार्षिक चुनाव में   आयोग ने  नांदल के स्थान पर 2001 बैच के  आई.ए.एस. अधिकारी विजय सिंह दहिया को रिटर्निंग अफसर लगाया था.

पांच वर्ष पूर्व  जून-जुलाई 2017 में भी  भारत के राष्ट्रपति चुनावों  के दौरान चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा के सम्बन्ध  में सहायक चुनाव अधिकारी (ए.आर.ओ.) के तौर पर जिम्मेदारी  नांदल को न देकर प्रदेश के 2000 बैच के एक अन्य  आई.ए.एस. अधिकारी पंकज अग्रवाल को दी  गयी थी जबकि देश की अन्य सभी विधानसभाओ में सम्बंधित विधानसभा सचिवो को  ही अपने-अपने राज्यों में सहायक रिटर्निंग  अधिकारी लगाया गया था.

बहरहाल,   हेमंत  ने नांदल को राष्ट्रपति चुनाव में सहायक रिटर्निंग अफसर न नामित किये जाने पर सर्वप्रथम जून, 2017 में भारतीय  चुनाव आयोग में  एक आर.टी.आई. याचिका दायर की थी जिसके जवाब में  जुलाई,2017 में उन्हें जवाब आया कि चूँकि  चुनाव आयोग ने हरियाणा सरकार को   सितम्बर, 2016 में एक पत्र लिखकर हरियाणा में जून, 2016 में संपन्न हुए राज्यसभा द्विवार्षिक चुनाव में विधानसभा सचिव एवं तत्कालीन रिटर्निंग अफसर  नांदल की चुनाव अधिकारी के तौर पर  भूमिका में पर्यवेक्षी नियंत्रण में कमी एवं चूक बरतने की वजह से उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक  कार्यवाही करने को  कहा था अत: उन्हें राष्ट्रपति चुनाव दौरान सहायक रिटर्निंग अफसर  जिम्मेदारी नहीं दी गयी थी हालांकि उसके बाद से  यह सिलसिला गत 2020 राज्य सभा चुनावो  तक जारी रहा.

लिखने योग्य है कि 11 जून, 2016 को हरियाणा से दो राज्य सभा सीटों के द्विवार्षिक चुनावों में जिसके हेतु मतदान करवाना पड़ा था क्योंकि दो सीटों के लिए तीन उम्मीदवार – चौधरी बीरेंद्र सिंह, सुभाष चंद्रा और आर.के. आनंद चुनावी मैदान में थे. मतदान के दिन मत डालते समय गलत स्याही वाले पेन का  प्रयोग के कारण कांग्रेस के एक दर्जन से ऊपर विधायकों के वोट रद्द हो गये थे जिस पर बाद में इसे  एक पहले  से सोची समझी रणनीति/साज़िश करार दिया गया था एवं उस समय मामले ने बहुत तूल पकड़ा था.  उस समय विधानसभा के प्रधान सचिव सुमित कुमार थे जबकि उनसे जूनियर आर.के नांदल   विधानसभा सचिव होने के कारण  चुनाव आयोग द्वारा उन्हें निर्वाचन अधिकारी लगाया गया था.
हेमंत ने  बताया कि हालांकि हरियाणा सरकार द्वारा  उपरोक्त जून, 2016 राज्य सभा चुनावों के मतदान दौरान पेन बदल कांड के सम्बन्ध में करवाई गयी   जांच  में नांदल को क्लीन चिट दे दी गयी थी परन्तु  उसके  बावजूद अगर चुनाव आयोग  नांदल को राज्यसभा चुनावों  के दौरान निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी न देकर ये दायित्व गत पांच   वर्षो  से  राज्य के किसी आई.ए.एस. अधिकारी को दे रहा  है, तो इसका क्या अर्थ समझा जाए ? क्या चुनाव आयोग राज्य सरकार के नांदल को क्लीन चिट देने के  निर्णय से संतुष्ट नहीं है अथवा कुछ और  ? जो भी हो, राज्य सरकार को इस सम्बन्ध  में चुनाव आयोग से मामला उच्च स्तर पर उठाना चाहिए  क्योंकि लगातार ऐसा करने से एक गलत परंपरा स्थापित हो रही है.
 विधानसभा सचिव आर.के.नांदल की नियुक्ति नवम्बर, 2006 में हुड्डा सरकार के दौरान सीधे डिप्टी सेक्रेटरी के तौर पर  हुई थी जहाँ से  प्रमोट होकर वह पहले जॉइंट सेक्रेटरी, फिर एडिशनल सेक्रेटरी और वर्ष  2014 में विधानसभा सेक्रेटरी (सचिव) बने  जहाँ से उनकी सेवानिवृत्ति  मार्च, 2024 में होगी.