शिमला : चुनाव आयोग ने मंगलवार को हिमाचल में तीन विधानसभा व एक लोकसभा सीट पर उपचुनावों की घोषणा कर दी है. मंडी संसदीय क्षेत्र और हिमाचल प्रदेश के तीन विधानसभा क्षेत्रों अरकी, जुब्बल-कोटखाई और फतेहपुर में 30 अक्टूबर को उपचुनाव होना तय हुआ है. जिसकी नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 8 अक्टूबर तक चलेगी और नामांकन की जांच 11 अक्टूबर को होगी और नामांकन पत्र वापस लेने की आखिरी तारीख 13 अक्टूबर तय की गई है. ये उपचुनाव30 अक्टूबर को होने निश्चित हुए हैं, जिसका परिणाम 2 नवंबर को घोषित होगा. इसके साथ ही इन निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है.
उल्लेखनीय है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, सीट खाली होने के छह महीने के भीतर उपचुनाव कराया जाना चाहिए. हालांकि, इस साल कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के कारण उपचुनावों में देरी हुई है. अधिनियम की धारा 151-ए में प्रावधान है कि चुनाव आयोग, केंद्र सरकार के परामर्श से, उपचुनाव को स्थगित कर सकता है यदि यह प्रमाणित करता है कि इस अवधि के भीतर चुनाव कराना मुश्किल है.
चुनाव आयोग ने कहा कि एक अक्टूबर को एक अधिसूचना जारी की जाएगी और उसी दिन नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 8 अक्टूबर तय की गई है.
फतेहपुर, जुब्बल-कोटखाई में भाजपा के टिकट के लिए कड़ा मुकाबला
शिमला जिले की जुब्बल-कोटखाई सीट और कांगड़ा की फतेहपुर सीट जून में नरिंदर ब्रगटा और फरवरी में सुजान सिंह पठानिया के निधन के बाद खाली हुई थी.
ब्रगटा के बेटे चेतन को जुब्बल-कोटखाई के लिए भाजपा की पसंद माने जा रहें है, क्योंकि पार्टी सहानुभूति वोटों को भुनाने की कोशिश करती है, हालांकि पार्टी के कुछ अन्य नेता टिकट के लिए होड़ में हैं. कांग्रेस के लिए पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर स्पष्ट पसंद हैं.
राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कांगड़ा जिले में पठानिया के बेटे भवानी सिंह पठानिया ने फतेहपुर से कांग्रेस के टिकट पर दावा पेश किया है. भवानी सिंह ने राजनीतिक कदम उठाने के लिए बैंकिंग और बीमा क्षेत्रों में अपना करियर छोड़ दिया. उन्होंने अपना चुनावी अभियान शुरू कर दिया है.
बीजेपी के लिए उम्मीदवार चुनना आसान नहीं होगा क्योंकि पूर्व सांसद कृपाल परमार और स्थानीय नेता बलदेव ठाकुर के बीच कड़ा मुकाबला है.