बिलासपुर परशुराम अवार्डी ने लौटाए शॉल-टॉपी और 55 हजार रुपये

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शिमला: हिमाचल प्रदेश के चर्चित कुश्ती कोच और कुश्ती महासंघ के महासचिव परशुराम अवार्डी जगदीश कुमार ने स्वतंत्रता दिवस पर मिली 55 हजार रुपये सम्मान राशि और शॉल-टोपी समारोह के बाद लौटा दी हैं. जगदीश कुमार ने खेल अधिकारी पर अपने कमरे में बुलाकर अपमानित करने का आरोप लगाया है. बिलासपुर में जिला स्तरीय कार्यक्रम के दौरान उन्हें दो कबड्डी खिलाड़ियों के साथ शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने सम्मानित किया था. जगदीश कुमार के अनुसार उन्हें प्रशासन की तरफ से 15 अगस्त पर सम्मानित करने के लिए पत्र भेजा गया था. जिला स्तरीय समारोह में शिक्षा मंत्री ने उन्हें सम्मानित किया. समारोह के बाद खेल अधिकारी रवि शंकर ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया. खेल अधिकारी से मुलाकात के दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए जो टोपियां लाई गई थीं उनकी गुणवत्ता थोड़ी अच्छी होती तो बेहतर होता. इस पर खेल अधिकारी उखड़ गए. बकौल जगदीश खेल अधिकारी ने कहा कि सम्मानित होने के लिए आपको विभाग का एहसानमंद होना चाहिए. जगदीश कुमार ने कहा कि खेल अधिकारी ने यह भी कहा कि वह उन्हें जानते तक नहीं हैं.

जगदीश राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पंजगाईं में बतौर डीपीई कार्यरत हैं. प्रदेश कुश्ती महासंघ के प्रदेश महासचिव के अलावा वह कुश्ती के कोच भी हैं. जगदीश ने 2018 में ऑल इंडिया सिविल सर्विस कुश्ती प्रतियोगिता में प्रदेश को स्वर्ण पदक भी दिलवाया है. सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत, अधिकारी ने कहा – उपायुक्त को करवाया है अवगत जगदीश कुमार ने कहा कि उन्होंने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर भी की है. संघ जल्द ही सीएम से मिलकर इस मामले को उठाएगा.