मंडी: हिमाचल प्रदेश में रविवार को आई अंधी-तूफान ने सेब बागवानों की मेहनत को मिट्टी में मिला दिया है. इन दिनों प्रदेश में सेब सीजन चरम पर है. इसी बीच जिला मंडी के सिराज क्षेत्र में भारी बारिश व आंधी के कारण यहां की सेब की फ़सल को भारी नुक्सान पहुंचा है. अंधी के कारण सेब टूट के गिरने से उन पर निशान पड़ गए है, जिस कारण अब बागवानो को उनकी महेनत का बाज़ार में उचित दाम नहीं मिलेगा.
मंडी जिले के करीब 20 गांवों में लगी सेब की फसल को बुरी तरह नुक्सान पहुंचा है. सबसे अधिक नुकसान थुनाग उपमंडल की गतू, झरेड़ व बगडानाथ पंचायतों में हुआ है. इन तीनों पंचायतों के लगभग 20 गांवों में सेब की फसल पेड़ों से गिरकर टूट जाने की वजह से लगभग 50 के करीब बागवानों को भारी नुकसान हुआ है.
उल्लेखनीय है कि जैसे ही इस घटनाक्रम की बागवानी विभाग के अधिकारियों को सुचना मिली एसडीएम थुनाग से चर्चा कर नुक्सान का जायजा लेने के लिए एक टीम गठित की गई है. इस टीम में विभाग के एसएमएस, पटवारी और फसल का बीमा करने वाली कंपनी के प्रतिनिधि हैं. अधिकारीयों का कहना है कि जांच और निरिक्षण के बाद रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी और उसी आधार पर नुकसान का आकलन किया जायेगा, ताकि बागवानों के नुक्सान हुई फसल का उन्हें उचित मुआवजा मुहैया करवाया जा सके.
थुनाग में तैनात बागवानी विभाग के विशेषज्ञ संजय ने बताया कि नुकसान की सूचना मिलने के बाद एक कमेटी का गठन किया गया है, जो कमेटी गांवों का दौरा कर नुकसान का जाजया लेगी. बता दें कि जिला मंडी में सराज हल्के में सेब की सबसे अधिक पैदावार होती है. इससे पहले भी बारिश व तूफान के कारण बागवानों को नुकसान झेलना पड़ा है. ऐसे में अब फसल के तैयार होने पर भी उसके गिरने से किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है.