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सांसद कश्यप ने मंडी भेजे 800 कंबल, आपदा में प्रभावित जनता के साथ सरकार

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आदर्श  हिमाचल ब्यूरों 

सिरमौर। भाजपा के शिमला संसदीय क्षेत्र से सांसद सुरेश कश्यप ने भारी बारिश के कारण प्रभावित परिवारों के लिए 800 कंबल वाली एक गाड़ी सिरमौर जिला से रवाना की। कश्यप ने बताया कि इस दुख की घड़ी में पूरा प्रदेश मंडी जिला के विभिन्न इलाकों में त्रासदी के समय प्रभावित परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। भाजपा के सभी संगठन आत्मक जिलाअों में लगातार प्रभावित परिवारों के लिए राशन एवं बर्तन किट का निर्माण भी किया जा रहा है और भेजी भी जा रही है, अभी तक भाजपा ने 5000 से अधिक राशन किट और 1000 से अधिक बर्तन किट मंडी भेज दी है।

 

कश्यप ने कहा कि भाजपा के सभी नेता निरंतर फील्ड में कार्य कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर पहले दिन से ही मंडी जिले के प्रवास पर है और निरंतर एक-एक प्रभावित परिवारों से मिलने का कार्य कर रहे हैं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने भी लगातार तीन दिन तक प्रभावित क्षेत्रों में प्रवास किया, सांसद कंगना रनौत ने भी प्रवास कर जनता का कुशलक्षेम जाना।

 

 

कश्यप ने कहा की भाजपा भाजपा द्वारा लगातार टीमों ने सभी प्रभावित क्षेत्रों में काम किया है जिसमें सिराज विधानसभा क्षेत्र में डॉ राजीव बिंदल के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री गोविंद ठाकुर, विधायक इंदर सिंह गांधी, प्रदेश सचिव एवं पूर्व विधायक राजेश ठाकुर, प्रदेश सचिव डॉ संजय ठाकुर एवं प्रदेश सचिव सुमित शर्मा रहे।

 

इसी प्रकार नाचन विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं विधायक रणधीर शर्मा, विधायक राकेश जमवाल एवं त्रिलोक जमवाल द्वारा करेंगे और करसोग विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज, प्रदेश महामंत्री बिहारी लाल शर्मा, विधायक एवं प्रदेश प्रवक्ता बलबीर वर्मा और विधायक लोकेंद्र कुमार रहे। भाजपा ने उचित व्यक्ति को उचित सामग्री पहुंचाने का कार्य किया और एक-एक घर को चिन्हित करते हुए आपदा राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य किया।

मेले हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग – अनिरुद्ध सिंह

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला । तीन दिवसीय ऐतिहासिक जन्दायिक छिब्बर बिशु मेला का समापन गदेवग में सोमवार को किया गया। इस मौके पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। मेला आयोजन समिति ने मुख्यातिथि को शॉल टोपी देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर मुख्यातिथि ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेले हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। आज आधुनिकता के इस दौर में मनोरंजन के कई साधन उपलब्ध है। इंटरनेट ने लोगों को कई सूचनाएं एक जगह मुहैया करने का काम किया है। लेकिन आज के परिवेश में विलुप्त हो रही हमारी संस्कृति में कई रीति रिवाज अनोखी पहचान रखते है। नई पीढ़ी को इन रीति रिवाजों से अवगत करवाना हम सब का फर्ज है।
बनी पंचायत में विकास कार्यों के लिए सरकार मुहैया करवा रही हर संभव सहायता
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत बनी में विकास कार्यों के लिए प्रदेश सरकार हर संभव सहायता मुहैया करवा रही है। पिछले दो वर्षों में 50 लाख 70 हजार रुपए इस पंचायत के विकास कार्यों पर खर्च किए जा चुके है। फागू से बगना, बनी से पडोला और एनएच-5 से रियोग टीर और थरमाटी से थाना ज़ुब्बड़ तक की चारों सड़कों की एफआरए करवाई जा चुकी है। इसके अलावा थरमटी से बतलाड़ और बनी से थरमटी मार्ग की एफआरए अभी लंबित है। बनी से पडोला तक सड़क निर्माण के लिए  20 लाख रुपये  का टेंडर लगाया जा चुका है। फागू से धरेच तक सड़क निर्माण कार्य नाबार्ड में मंजूर हो चुका है। इसके अतिरिक्त, बनी पंचायत घर के लिए 10 लाख जारी किए जा चुके है। इसके साथ अगले वर्ष तक कुरपन खड्ड के माध्यम से पानी की आपूर्ति फागू तक पहुंचाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
भूमि चयन के बाद महिला मंडल भवन के लिए मुहैया करवाएंगे 05 लाख
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि महिला मंडल भवन के लिए भूमि का चयन होने के बाद 05 लाख रुपए मुहैया करवाए जाएंगे। उन्होंने मेला समिति को 50 हजार रुपए की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर एसडीएम शशांक गुप्ता, डीएसपी सिद्धार्थ शर्मा, पार्षद नरेंद्र ठाकुर, पार्षद कुलदीप ठाकुर, अंकुश वर्मा, पार्षद विनय शर्मा, बीडीसी सदस्य बलविंदर सिंह, स्थानीय पंचायत प्रधान सीमा देवी, उप प्रधान केदार, अध्यक्ष मेला कमेटी लायक राम वर्मा, प्रधान मेला कमेटी प्रेम वर्मा, उप प्रधान श्याम वर्मा, प्रधान दिनेश जगटा, उप प्रधान वीरेंद्र, टी. आर. भोक्टा, दौलत राम वर्मा, किसान कांग्रेस कुसुम्पटी अध्यक्ष राज कमल शर्मा, युवा कांग्रेस अध्यक्ष नरेंद्र परमानंद, प्रकाश, कमल, नरेश सहित कई गणमान्य मौजूद रहे।

योजनाओं की बहाली के लिए प्रयास युद्धस्तर पर जारीः उप-मुख्यमंत्री

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आपदा ग्रस्त सराज घाटी में राहत और पुनर्वास कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने स्थानीय लोगों का दुख दर्द साझा करते हुए उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि आपदा के कारण सराज घाटी में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और महत्वपूर्ण पेयजल योजनाओं को भी भारी नुकसान पहुंचा है। जल शक्ति विभाग की सराज और बालीचौकी क्षेत्र की 121 करोड़ रुपये लागत की सबसे बड़ी पेयजल परियोजना सहित लगभग 241 परियोजनाएं आपदा से प्रभावित हुई हैं। सराज क्षेत्र में विभाग को 100 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान है।

 

उन्होंने कहा कि इन कठिन परिस्थितियों में राज्य सरकार संवेदनशीलता और सक्रियता के साथ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास कार्यों में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि परीक्षा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार हर आपदा प्रभावित परिवार के साथ मजबूती के साथ खड़ी है। विभाग के अभियंता और कर्मचारी जनसेवा की भावना से दिन-रात कार्य कर रहे हैं।

 

उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग के प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधिशाषी अभियंता और समर्पित कर्मचारी दुर्गम क्षेत्रों में पहुंचकर पेयजल योजनाओं को बहाल करने के लिए तत्परता से कार्य कर रहे हैं ताकि लोेगों को पेयजल सुविधा उपलबध करवाई जा सके। अब तक लगभग 140 योजनाएं आंशिक रूप से बहाल कर दी गई हैं और शेष योजनाओं की बहाली के लिए युद्धस्तर पर कार्य जारी है।

 

उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति को शीघ्र स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए और इसके लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंनेे कहा कि जन सहयोग, हौंसले और सरकार की मदद से हम सब इस प्राकृतिक आपदा को कर्मठता से पार कर लेंगे।
शरण गांव की बेटी तनुजा ठाकुर ने भूस्खलन से सुरक्षित बाहर निकलने के अपने अनुभव उप-मुख्यमंत्री सेे साझा किए।
उप-मुख्यमंत्री ने तनुजा के साहस की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने बांस प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने यहां हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम के निदेशक मंडल की 215वीं बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने निगम की कार्य प्रणाली में आधुनिक तकनीक का समावेश करने के निर्देश दिए। उन्होंने निगम के सभी टिंबर गोदामों में बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने के भी निर्देश दिए।

 

मुख्यमंत्री ने ऊना जिला के गगरेट में बांस प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की संभावनाएं तलाशने को कहा ताकि ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर तथा हमीरपुर जिला के किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान किए जा सकें। उन्होंने लोगों की सुविधा के लिए वन निगम में राष्ट्रीय पारगमन पास प्रणाली (ट्रांजिट पास) को एकीकृत करने के भी निर्देश दिए।

 

ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि एचपीएसएफडीसी ने वर्ष 2024-25 में लकड़ी, राल और तारपीन तेल की बिक्री से कुल 289.91 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है, जिससे वर्ष 2024-25 में 14.93 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ है। वर्ष 2023-24 में निगम द्वारा कुल 267 करोड़ रुपये की बिक्री की गई थी और 7.88 करोड़ रुपये का लाभ प्राप्त हुआ था। इसके अलावा सेल्वीकल्चर कटान से निगम को 41.30 करोड़ रुपये की रॉयल्टी प्राप्त हुई है।

 

हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, बोर्ड के सरकारी और गैर सरकारी सदस्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत, प्रधान सचिव (वित्त) देवेश कुमार, प्रधान मुख्य अरण्यपाल समीर रस्तोगी, एचपीएसएफडीसी के प्रबन्ध निदेशक संजय सूद और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

अनुराग ठाकुर ने केंद्र के समक्ष हिमाचल के

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला। पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद  अनुराग सिंह ठाकुर ने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री  पीयूष गोयल को पत्र लिखकर अमेरिका से आयात किए जाने वाले सेब पर अनुमानित टैरिफ कटौती पर हिमाचल प्रदेश के सेब बागबानों की चिंता को उठाते हुए किसानों की हरसंभव मदद का आग्रह किया है।

 

पत्र में  अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ देश में सेब उत्पादन में हिमाचल प्रदेश का प्रमुख स्थान है। हिमाचल प्रदेश देश में सेब उत्पादन में लगभग 25% का योगदान देता है, जो सालाना लगभग 6.5 लाख मीट्रिक टन है, जो वित्तीय दृष्टि से लगभग 5,000 करोड़ रुपये है। हिमाचल प्रदेश के अधिकांश सेब किसान 5 से 10 बीघा के बीच की छोटी भूमि जोत पर काम करते हैं और वे सेब की खेती को अपनी आय का मुख्य स्रोत मानते हैं। हिमाचल प्रदेश के सेब किसान अमेरिका से आयात किए जाने वाले सेब पर अनुमानित टैरिफ कटौती को लेकर चिंतित हैं।

 

भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार चर्चाओं को देखते हुए, इन किसानों को आशंका है कि किसी भी टैरिफ कटौती से उनकी आजीविका पर सीधा और व्यापक असर पड़ेगा। वर्तमान में, अमेरिका से आयातित सेब की रेड डिलीशियस किस्म पहले से ही हिमाचल प्रदेश के सेब बाजार को प्रभावित कर रही है क्योंकि भारत में उगाए जाने वाले सेब की तुलना में कई संघीय सहायता कार्यक्रमों के कारण इन सेबों की उत्पादन लागत अमेरिका में कम है। टैरिफ में किसी और कमी की स्थिति में, इसका परिणाम आयात शुल्क में भारी कमी के रूप में सामने आएगा, जो पहले से मौजूद असमान खेल के मैदान को और प्रभावित करेगा और हिमाचल प्रदेश में सेब के उत्पादन को और प्रभावित करेगा ।

अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा उपरोक्त के अलावा, अमेरिका से सेब के आयात में कीमतों में ऐसी कोई भी कमी न्यूजीलैंड, चिली आदि जैसे अन्य देशों से आयातित सेब की कीमतों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालेगी। इससे हिमाचल प्रदेश सहित घरेलू रूप से उगाए जाने वाले सेबों के उत्पादन और विपणन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। इस तरह के उपाय भारत में सेब उगाने वाले राज्यों, विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश में कृषि मजदूर आदि के रूप में लगे लाखों लोगों की आजीविका को भी प्रभावित करेंगे।

 

हिमाचल प्रदेश के सेब उगाने वाले किसानों की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए, मैं आपसे आग्रह करना चाहूंगा कि आप अमेरिका के संबंधित अधिकारियों के साथ टैरिफ कटौती पर बातचीत करते समय इन किसानों और सेब की खेती से आजीविका चलाने वालों के संकट और हितों पर विचार करें”

प्रदेश में विनाशकारी बाढ़ की स्थिति में सभी पूर्व अर्धसैनिक कार्मिकों से प्रशासन की सहायता के ,लिए की अपील वीके सिंह

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला ।वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों एवं तहसीलों में आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन से उत्पन्न संकट ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस आपातकालीन स्थिति को देखते हुए, हिमाचल प्रदेश राज्य पूर्व अर्धसैनिक बल कल्याण संघ सभी पूर्व अर्धसैनिक बलों के जवानों से जो राज्य के हर जिले, तहसील, गांव और शहर में फैले हुए हैं, एक आवश्यक और भावनात्मक अपील करता है कि वे इस कठिन समय में प्रशासन और जनता की सहायता के लिए आगे आएं।

 

आप सभी देशसेवा में प्रशिक्षित, अनुशासित और समर्पित रहे हैं। अब समय है कि हम अपनी सामाजिक और राष्ट्रीय ज़िम्मेदारी निभाएं और प्रदेशवासियों की सेवा में पुनः अपने कर्तव्य का पालन करें।

VK Singh appeals to all former paramilitary personnel to help the administration in the event of devastating floods in the state
VK Singh appeals to all former paramilitary personnel to help the administration in the event of devastating floods in the state

हम सभी पूर्व अर्धसैनिक कर्मियों से अनुरोध करते हैं कि वे उपलब्ध साधनों के साथ प्रशासन को निम्नलिखित रूपों में सहयोग प्रदान करें:
• बचाव और राहत कार्यों में स्थानीय प्रशासन का सहयोग करें।
• फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाने में सहायता करें।
• राहत शिविरों में भोजन, दवाइयाँ, कपड़े, कंबल और पीने के पानी के वितरण में सहयोग दें।
• चोटिल एवं मानसिक रूप से प्रभावित लोगों की सहायता में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ काम करें।
• जहाँ संभव हो, अपने वाहन, संसाधन और श्रमबल प्रशासन को उपलब्ध कराएं।
• स्थानीय पुलिस व होम गार्ड बलों के साथ मिलकर अनुशासन और व्यवस्था बनाए रखने में मदद करें।
• स्थानीय युवाओं और नागरिकों को प्रेरित कर एकजुट होकर सेवा भावना से कार्य करें।

हमारे सभी जिला और तहसील संयोजकों से विशेष अनुरोध है कि वे तत्काल अपने जिले के उपायुक्तों, एसडीएम और आपदा प्रबंधन अधिकारियों से संपर्क स्थापित करें और संघ की ओर से पूर्ण सहयोग की पेशकश करें।

यह समय फिर से भारत माता की सेवा में समर्पण का है – इस बार संवेदना, अनुशासन और साहस के साथ।
आइए, “सेवा परम धर्म” के मंत्र को साकार करते हुए हम सब एकजुट होकर प्रदेशवासियों के साथ खड़े हों।

जो साथी पहले से ज़मीनी स्तर पर कार्य कर रहे हैं, हम उन्हें नमन करते हैं और बाकी सभी से यथासंभव योगदान की अपेक्षा करते है ।

योग के माध्यम से आध्यात्मिक स्थिरता और वैश्विक शांति संभव:  स्वामी निश्चलानंद

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों
सोलन । योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया (वाईएसएस) के स्वामी निश्चलानंद ने कहा, “आध्यात्मिकता और योग आंतरिक स्थिरता लाते हैं और दिव्य ऊर्जा को जागृत करते हैं, जो एक स्वस्थ और अधिक सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण के लिए आवश्यक हैं।” वे शूलिनी विश्वविद्यालय में चल रहे तीन दिवसीय वाईएसएस आध्यात्मिक रिट्रीट के दूसरे दिन मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
स्वामी निश्चलानंद ने इस बात पर प्रकाश डाला कि योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया की स्थापना 1917 में परमहंस योगानंद ने योग और आध्यात्मिकता की शिक्षाओं को वैश्विक स्तर पर फैलाने के लिए की थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आने वाली पीढ़ियाँ भी इस गहन ज्ञान से लाभान्वित हों।
स्वामी श्रद्धानंद, स्वामी चैतन्यानंद और स्वामी निश्चलानंद ने तीन दिवसीय कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और अपने गहन मार्गदर्शन के साथ आध्यात्मिक सत्रों का नेतृत्व किया। शूलिनी विश्वविद्यालय में रिट्रीट में युवाओं की उल्लेखनीय प्रतिक्रिया के साथ भारी भागीदारी देखी गई।
इस अवसर पर बोलते हुए स्वामी निश्चलानंद ने कहा, “आज के युवा आध्यात्मिक रिट्रीट में बढ़ती रुचि दिखा रहे हैं, जो वास्तव में उत्साहजनक है। सोलन में, 350 से अधिक प्रतिभागी रिट्रीट में शामिल हुए, जिनमें से लगभग 30% युवा थे।” उन्होंने आगे जोर दिया कि इस तरह के रिट्रीट बेचैन आधुनिक मन को शांत करने में शक्तिशाली साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “योग के माध्यम से, कोई भी व्यक्ति सच्ची खुशी, बिना शर्त प्यार और आंतरिक शांति का अनुभव कर सकता है।
शूलिनी विश्वविद्यालय के चांसलर और योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया (वाईएसएस) के लंबे समय से भक्त प्रो. पी.के. खोसला ने विश्वविद्यालय परिसर में आध्यात्मिक रिट्रीट की मेजबानी करने के अवसर के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। प्रो. खोसला ने कहा कि शूलिनी विश्वविद्यालय के चांसलर और परमहंस योगानंद जी के आजीवन भक्त के रूप में, हमारे परिसर में वाईएसएस परिवार का स्वागत करना मेरे लिए बहुत गर्व और आध्यात्मिक संतुष्टि की बात है।
वाईएसएस की शिक्षाओं ने मुझे व्यक्तिगत रूप से आंतरिक शांति और स्थिरता की ओर निर्देशित किया है, और मेरा मानना ​​है कि इस तरह के रिट्रीट हमारे युवाओं और समाज में बहुत जरूरी सकारात्मकता, स्पष्टता और उच्च चेतना लाते हैं।
प्रो. खोसला ने आगे कहा कि शूलिनी विश्वविद्यालय न केवल अकादमिक उत्कृष्टता बल्कि समग्र विकास के पोषण के लिए प्रतिबद्ध है।
आध्यात्मिक रिट्रीट का अंतिम दिन क्रिया योग दीक्षा समारोह के साथ संपन्न हुआ, जो वाईएसएस द्वारा सिखाई गई उन्नत ध्यान तकनीक में एक पवित्र दीक्षा है। जिन लोगों ने अभी तक क्रिया दीक्षा प्राप्त नहीं की है, उनके लिए एक ज्ञानवर्धक वीडियो सत्र आयोजित किया गया, जिसमें क्रिया योग के दर्शन और लाभों का परिचय दिया गया। रिट्रीट का समापन एक भावपूर्ण समापन कार्यक्रम के साथ हुआ, जिसमें प्रार्थनाएँ, आध्यात्मिक संदेश और प्रतिभागियों द्वारा व्यक्त की गई हार्दिक कृतज्ञता शामिल थी। कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण के साथ हुआ, जो दिव्य आशीर्वाद और एकजुटता का प्रतीक है।

अगले 48 घंटे में 1000 बर्तन किट प्रभावितों को पहुंचाएगी भाजपा : बिंदल

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

मंडी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने नाचन विधानसभा क्षेत्र में स्यांज पंचायत के पंगलिपुर, सैंज और सिराज विधानसभा क्षेत्र में बाख्ली कुकलाह का द्वारा किया। बिंदल ने कहा कि राष्ट्रीय प्रभावित लोगों की मांग आई है कि राशन तो पर्याप्त मिल रहा है पर बनाने के लिए बर्तन नहीं है, इसी को लेकर भाजपा ने 17 संगठनात्मक जिलों में वर्चुअल बैठक के माध्यम से निर्णय लिया गया कि अगले 48 घंटे के भीतर 1000 बर्तन किट प्रभावित को पहुंचने का संकल्प भाजपा के सभी कार्यकर्ता लेंगे। बिंदल ने कहा कि जैसे ही निर्णय हुआ तुरंत घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र ने बर्तन किट की एक गाड़ी जिसमें 100 से अधिक किट है उसके सिराज रवाना किया। भाजपा के कार्यकर्ता इन कीटों के निर्माण हेतु पोलिंग बूथ के कार्यकर्ताओं से समन्वय बना रहे हैं।

 

क्या है बर्तन किट

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा की बर्तन किट में 1 कुकर, 1 कड़ाही, 6 थाली, गिलास, कटोरियां, चम्मच, चकला, बेलन, बाल्टी, मग इत्यादि होगा, इस किट को मिनी किचन भी कहा जा सकता है। इस किट को वितरण कर भाजपा का यह एक छोटा सा सेवा का प्रयास है और धरातल पर नुकसान बहुत ज्यादा है, जिसकी भरपाई असंभव है।

प्रदेश सरकार ने 2023 और 2024 के प्रभावतों को अभी तक नहीं दी जमीन : बिंदल

बिंदल ने कहा कि सरकार को त्वरित कार्य एवं कार्यवाही करते हुए जिन 500 से अधिक लोगों ने अपने घर और सब एवं खैर के बगीचों को पूरी तरह से खो दिया है यानी 100% हानि, उनको पुनः स्थापित करने हेतु जमीन मुहैया करवानी चाहिए। दुख की बात तो यह है की 2023 और 2024 में जिन लोगों को इस प्रकार का नुकसान हुआ था उनको प्रदेश की वर्तमान सरकार आज तक जमीन नहीं दे पाई है। यह प्रदेश सरकार का फेलियर है और इस बारे में सरकार में बैठे लोगों को गंभीरता से सोचना चाहिए।

जितना राहत कार्य में प्रदेश सरकार विलंब करेगी उतना बड़ा नुकसान होगा : बिंदल

बिंदल ने कहा कि जितना राहत कार्य में प्रदेश सरकार विलंब करेगी उतना बड़ा नुकसान होगा, जेसीबी और पोकलेन की मशीने धरातल पर दिख नहीं रही है और जितनी देरी से इन मशीनों को भेजा जाएगा उतना नुकसान बढ़ता चला जाएगा। लोगों के बगीचे पत्थरों से भर गए हैं घरों में भारी पानी एवं पेड़ घुस गए हैं, प्रभावित क्षेत्रों में तबाही का आलम एवं प्रलय स्थित है।

मुख्यमंत्री ने केंद्र से शिपकी-ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने की संभावनाएं तलाशने का आग्रह किया

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला । मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला स्थित शिपकी-ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा प्रारंभ करने की संभावनाएं तलाशने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि शिपकी-ला क्षेत्र वर्तमान सीमाओं से पूर्व भारत-तिब्बत व्यापार का महत्त्वपूर्ण मार्ग रहा है।

 

 

उन्होंने कहा कि यह मार्ग तिब्बती बौद्ध धर्म और प्राचीन तीर्थयात्रा पथों के लिए एक सांस्कृतिक गलियारा भी रहा है, जो कैलाश और मानसरोवर के साथ भारत के स्थायी सभ्यतागत संबंधों को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का किन्नौर क्षेत्र अर्ध-शुष्क होने के साथ-साथ स्पीति जैसे वर्षा छाया क्षेत्र में स्थित होने के कारण मानसून की बाधाओं से कम प्रभावित होता है जिससे वर्ष के अधिकांश समय यह मार्ग सुगम रहता है। उन्होंने कहा कि शिपकी-ला से गरतोक होते हुए दारचेन और मानसरोवर की ओर जाने वाला मार्ग तिब्बत की ओर से नजदीक है। उन्होंने कहा कि शिपकी-ला अधिक स्थिर और स्पष्ट गलियारा भी प्रदान करता है, जो इस मार्ग को दीर्घकालिक, विश्वसनीय तीर्थयात्रा और सीमापार संपर्क के लिए उपयुक्त बनाता है।

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में रामपुर और पूह के माध्यम से शिपकी-ला तक पहले से ही सड़क सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि आधार शिविरों और सहायक बुनियादी ढांचे के केंद्रित विकास के साथ, इस मार्ग को कैलाश मानसरोवर यात्रा ढांचे में निर्बाध रूप से एकीकृत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह किन्नौर के जनजातीय लोगों के उत्थान के लिए भी दूरगामी भूमिका निभाएगा। यह वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमा विकास और पर्यटन के लिए सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि शिपकी-ला मार्ग कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए खोला जाता है तो राज्य सरकार, केंद्र सरकार को हर प्रकार का आवश्यक प्रशासनिक और लॉजिस्टिक सहयोग प्रदान करेगी।

भाजपा मुख्यालय दीपकमल चक्कर से राहत सामग्री का वाहन बगस्याड़ के लिएरवाना किया गया।

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला, भाजपा जिला मुख्यालय दीपकमल चक्कर से राहत सामग्री का एक वाहन बगस्याड़ जिला मंडी की ओर रवाना किया गया। इस राहत सामग्री के वाहन में 200 से अधिक राहत कीट थी, जिसको भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन ने हरि झंडी दिखा कर रवाना किया। यह जानकारी प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा द्वारा दी गई।

 

कर्ण नंदा ने बताया कि प्रदेश में दो प्रकार की कीट बनाई गई है एक बड़ी कीट जिसमें आटा 20 किलो और एक छोटी जिसमे आटा 10 किलो है। बाकी सामग्री कुछ इस प्रकट है। 10 किलो चावल, 10 किलो आटा, 1 किलो नमक, 1 लीटर तेल, 2 किलो दाल, मसाले, मोमबती इत्यादि की एक पूरी किट में मौजूद है। नंदा ने बताया कि कल और आज कुछ 4 गाड़ियों को गंतव्य के लिए रवाना किया गया है।

 

कार्य को पूर्ण करने के लिए भाजपा के जिला अध्यक्ष केशव चौहान, प्रत्याशी संजय सूद, रवि मेहता, सुरेश भारद्वाज, संजीव कटवाल, कमल सूद, मंडल अध्यक्ष राजीव पंडित, संजीव चौहान, राहुल ठोकर, शिवानी, योग राज, भरत भूषण सदस्य वाली एक टीम का गठन भी किया गया है। अभी तक इस टीम के द्वारा 400 से अधिक राहत कीट पूरे प्रदेश में क्षतिग्रस्त क्षेत्रों में भेज दी गई है और यह कीट एक एक पीड़ित परिवारों को पहुंच रही है, शिमला जिला से करसोग विधानसभा क्षेत्र के लिए भी सामग्री भेजी जा रही है।

 

उन्होंने बताया कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल की अध्यक्षता में पूरे प्रदेश में 5000 से अधिक राहत सामग्री की किट का निर्माण किया जा रहा है उसमें से 48 घंटे के अंदर-अंदर 2000 से अधिक किट क्षतिग्रस्त क्षेत्र में पहुंच चुकी है।

 

इस अवसर पर संगठन महामंत्री सिद्धार्थन के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कटवाल, कोषाध्यक्ष कमल सूद, प्रमोद ठाकुर, किरण बावा सभी प्रत्याशी एवं मंडल अध्यक्ष उपस्थित रहे।

Shoolini University

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