आदर्श हिमाचल ब्यूरो
सुशील कुमार कौंडल ने कहा कि दिवाली के दौरान दीयों एवं मोमबत्तियों को सुरक्षित स्थान पर ही जलाना चाहिए। इनके आस-पास कपड़ा, पर्दा, चादर या अन्य ज्वलनशील सामग्री नहीं होनी चाहिए। पूजा के लिए जलाए गए दीये से भी आग लग सकती है। इसलिए, पूजा के स्थान पर भी सावधानी बरती जानी चाहिए पटाखे-आतिशबाजी चलाने से पहले आस-पास के क्षेत्र की अच्छी तरह सफाई की जानी चाहिए। इस क्षेत्र में कबाड़ या अन्य कोई भी ज्वलनशील चीज नहीं होनी चाहिए। भीड़-भाड़ वाले इलाके में पटाखे-आतिशबाजी बिलकुल भी नहीं चलाने चाहिए। पटाखे चलाने वाली जगह पर पानी की बाल्टी भी जरूर रखें तथा छोटे बच्चों के पास पटाखे न चलाएं। कोई पटाखा नहीं छूट रहा हो तो उसे हाथ से बिलकुल न छूएं। पटाखे-फुलझड़ियां चलाते समय हमेशा सूती कपड़े पहनें। खतरनाक पटाखे बिलकुल न खरीदें। पटाखे से जलने पर त्वचा को रगड़ें नहीं, बल्कि ठंडे पानी का प्रयोग करें।
कमांडेंट ने कहा कि दिवाली के दौरान कई लोग अपने घरों को बिजली की लाइटों से भी सजाते हैं। लाइटों के संबंध में भी पूरी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इन लाइटों के लिए बिजली की नंगी तारों का बिलकुल भी प्रयोग न करें। इनके कनेक्शन सही होने चाहिए तथा इन्हें इलेक्ट्रिशियन से ही लगवाएं। करंट की आशंका वाली जगह ये लाइटें बिलकुल भी न लगाएं। इन्हें बच्चों से दूर रखें। सभी जिलावासियों को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए सुशील कुमार कौंडल ने कहा कि छोटी-छोटी सावधानियां बरतने से हम किसी बड़ी दुर्घटना से बच सकते हैं। इसलिए, सभी जिलावासी सावधानी बरतें और अपने परिजनों, रिश्तेदारों एवं मित्रों के साथ दिवाली की खुशियां मनाएं।