
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। ठियोग-कसुम्पटी क्षेत्र के सब्जी उत्पादकों के लिए लक्की नाम के ब्रांड का फूलगोभी बीज अनलक्की साबित हुआ। कृषि के क्षेत्र में व्यवसाय करने वाली एक नामी बहुराष्ट्रीय कम्पनी ने लक्की नाम का यह फूलगोभी बीज देकर किसानों से बहुत बड़ा धोखा किया है । यह बात हिमाचल प्रदेश किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप तंवर नेे सोमवार को जारी बयान में कही । बताया कि नामी बहुराष्ट्रीय कम्पनी ने 90 हजार रुपये किलोग्राम दर से किसानों को फूलगोभी का बीज बेचा । किसानों ने जब इस बीज का उत्पादन किया तो गोभी के बीज का रंग व आकार भिन्न निकला । जिसकी किसानों को मार्किट में कोई कीमत नहीं मिली।
डॉ. तंवर ने बताया कि उनकी 5 सदस्यीय टीम द्वारा दैहना पंचायत का दौरा करने पर पाया कि हरे रंग की गोभी आकार में भी बड़ी थी और उनका फूल बनने के बजाय यह खुली हुई थी। बीते सीजन में इस क्षेत्र की ग्राम पंचायत दैहना, चियोग, नाला, धरेच, नौहल, टियाली सहित कुछ अन्य पंचायतों में किसानों की लगभग 40 से 80 प्रतिशत तक की फसल बर्बाद हो गई। बताया कि 30 से 35 रुपये प्रति किलोग्राम में बिकने वाली फूलगोभी किसानों को खेतों में ही नष्ट करनी पड़ी।
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डॉ. तंवर ने बताया कि कंपनी द्वारा राहत मिलने के बजाय कम्पनी से किसानों को मिला कोरा जवाब दिया गया और कहा कि यह जलवायु की गड़बड़ी के कारण हुआ है। किसानों का कहना है कि वे पिछले 30-35 सालों से सब्जी पैदा कर रहे हैं, इसलिए कम्पनी का तर्क बिल्कुल भी उचित नहीं हैं। किसान सभा ने दैहना पंचायत की प्रधान और पंचायत विकास अधिकारी से भी मुलाकात की और पंचायत की ओर से कृषि विभाग को नुकसान का बताया कि इस मामले को लेकर किसान सभा का प्रतिनिधिमण्डल उन निदेशक कृषि विभाग से भी मिला और उन्हें दो-तीन दिन के भीतर क्षेत्र का दौरा करके नुकसान का आंकलन करने की मांग की।

सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. तँवर ने कहा कि यद्यपि किसानों ने अगली फसल के लिए अपने खेत लगभग खाली कर दिये हैं लेकिन कुछ किसानों ने नमूने के तौर पर अभी भी खेतों में फूलगोभी रखी हुई है इसलिए विभाग को इस पर तुरन्त कार्रवाई अमल में लानी होगी ताकि किसान कम से कम अगली फसल लगा सके। उन्होंने कहा कि ठियोग का क्षेत्र सब्जी उत्पादन में न केवल हिमाचल प्रदेश में बल्कि देश भर में अपना विशेष महत्व रखता है। ठियोग क्षेत्र की बेमौसमी गोभी की बाजार में काफी मांग है क्योंकि जिस समय ठियोग में गोभी का सीजन होता है उस वक्त देश के किसी अन्य हिस्से में प्राकृतिक वातावारण में गोभी पैदा नहीं होती है। इसलिए इसके अच्छे दाम भी मिलते हैं। परन्तु इस बार बीज की गड़बड़ी से किसानों की छः महीने की मेहनत पूरी तरह बर्बाद हो गई। किसान सभा ने कम्पनी के खिलाफ कार्रवाई करने, भविष्य में धोखाधड़ी न करने की चेतावनी देने, किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा दिलवाने की सरकार से मांग की है ।