दोनों यूनिवर्सिटियों के नॉन-टीचिंग स्टाफ के लिए भी संशोधित वेतनमान लागू करने के लिए जताई सहमति
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
चंडीगढ़। एक ऐतिहासिक फ़ैसले में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी (पी.ए.यू.) और गुरू अंगद देव वैटरनरी साइंसज़ यूनिवर्सिटी (गडवासू) के टीचिंग स्टाफ के लिए यू.जी.सी. स्केल लागू करने की मंजूरी दे दी है।
इस सम्बन्धी फ़ैसला मुख्यमंत्री ने बुधवार को यहाँ हुई उच्च स्तरीय बैठक के दौरान लिया।
विचार-विमर्श में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि टीचिंग स्टाफ के लिए यू.जी.सी. के वेतनमान लागू करने के लिए 66 करोड़ रुपए का सालाना ख़र्च आएगा, जबकि गडवासू में टीचिंग फैकल्टी के लिए यही सुविधा देने के लिए सालाना 20 करोड़ रुपए की लागत आएगी। उन्होंने कहा कि फ़सल उत्पादन और सहायक कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देने में दोनों यूनिवर्सिटियों की फैकल्टी के बड़े योगदान के सामने यह रकम कुछ भी नहीं है। इसलिए भगवंत मान ने कहा कि इन दोनों प्रमुख यूनिवर्सिटियों के टीचिंग स्टाफ को यू.जी.सी. स्केल मुहैया करवाए जाएंगे।
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मुख्यमंत्री ने दोनों यूनिवर्सिटियों के नॉन-टीचिंग स्टाफ के लिए संशोधित वेतनमान लागू करने की भी मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि पी.ए.यू. के नॉन-टीचिंग स्टाफ के लिए संशोधित वेतनमान लागू करने पर 53 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा, जबकि गडवासू के नॉन-टीचिंग स्टाफ के लिए संशोधित वेतनमान पर 10 करोड़ रुपए सालाना की अदायगी करनी पड़ेगी। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार किसान भाईचारे के कल्याण के लिए अनुसंधान कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए इन दोनों यूनिवर्सिटियों में व्यापक सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के उदासीन रवैये के कारण राज्य के किसान सडक़ों पर हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में यह यूनिवर्सिटियाँ व्यापक अनुसंधान के द्वारा किसानों की मुश्किलों को हल करने में अहम रोल अदा कर सकती हैं। भगवंत मान ने आशा अभिव्यक्त की कि इन दोनों यूनिवर्सिटियों का टीचिंग और नॉन- टीचिंग स्टाफ एक ओर किसानों की किस्मत को बदलने के लिए और अधिक ठोस प्रयास करेगा और दूसरी ओर पंजाब को देश का अग्रणी राज्य बनाएगा।