चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को ‘अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस’ के अवसर पर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के कोरोना वलंटियरों को स्पोट्र्स किटें बाँटने की शुरुआत की, जिन्होंने इस महामारी की दूसरी लहर के खि़लाफ़ राज्य सरकार द्वारा शुरु की गई जंग में बेहद अहम योगदान दिया. इस प्रयास की सांकेतिक शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी निवास स्थान पर निजी तौर पर 10 वलंटियरों को स्पोट्र्स किटें बाँटी.
नौजवानों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने उनकी तरफ से कोरोना वायरस के और अधिक फैलाव को रोकने के लिए लोगों में स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रोटोकॉल और टीकाकरण की महत्ता संबंधी जागरूकता फैलाने हेतु दिए गए योगदान के लिए उनकी सराहना की.
राज्य में कोविड के कारण 16000 मौतों पर अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि नौजवानों द्वारा बड़े स्तर पर ख़ास तौर पर दूसरी लहर के दौरान लोगों को तुरंत इलाज करवाने और टीकाकरण के लिए प्रेरित न किया जाता तो यह संख्या और अधिक भी हो सकती थी.
मुख्यमंत्री ने इन वलंटियरों को अमरीका जैसे देशों और कई राज्यों में बढ़ते मामलों के मद्देनजऱ तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए लोक जागरूकता मुहिम जारी रखने के लिए भी कहा.
युवा सेवाएं विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि नौजवानों को स्पोट्र्स किटें दिए जाने से उनको बड़े स्तर पर खेल गतिविधियों में शामिल करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और उनको खिलाडिय़ों से प्रेरणा भी मिलेगी, जिन्होंने हाल ही में टोक्यो में हुई ओलंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन दिखाया.
इस अवसर पर खेल एवं युवा सेवाएं मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने मुख्यमंत्री को कोविड की स्थिति में और सुधार होने की सूरत में सितम्बर-अक्टूबर के दौरान संभावित तौर पर होने वाली मेगा यूथ कॉन्फ्ऱेंस की अध्यक्षता करने की भी विनती की, जिससे नौजवानों को अपनी ऊर्जा का सकारात्मक इस्तेमाल करने की प्रेरणा मिल सके. उन्होंने आगे कहा कि मार्च 2019 में तकरीबन एक लाख नौजवानों के सम्मिलन वाली मैराथान को मिले प्रोत्साहन को देखते हुए 1.5 लाख नौजवानों की सम्मिलन वाली एक और मैराथान की योजना भी बनाई जा रही है.
इससे पहले प्रमुख सचिव खेल एवं युवा सेवाएं राज कमल चौधरी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि कोरोना वॉरियर समूह राज्य में इस महामारी को थामे रखने में काफ़ी सहायक साबित हुए हैं और इनके द्वारा टीकाकरण सम्बन्धी पाए जाने वाले भ्रम को दूर करने के लिए घर-घर जाकर जागरूकता फैलाने और इसके अलावा कोविड के मरीज़ों की पहचान करने में मैडीकल टीमों की मदद करना भी काफ़ी सहायक साबित हुआ है.
इस अवसर पर डायरैक्टर, खेल एवं युवा सेवाएं डी.पी.एस. खरबन्दा ने कहा कि विभाग द्वारा डिप्टी कमिश्नरों के दिशा-निर्देशों और स्थानीय सांसद और विधायकों के सलाह-मशवरे के साथ अभी तक राज्य में 14,236 (भाव 11,881 ग्रामीण कोरोना वलंटियर समूह और 2,355 शहरी वलंटियर समूह) ऐसे समूह बनाए जा चुके हैं. हरेक समूह में हरेक गाँव और म्यूंसिपल वॉर्ड से सात वलंटियर शामिल किए जाते हैं और इन समूहों द्वारा टीकाकरण मुहिम में योगदान दे रहे स्वास्थ्य स्वयंसेवकों की मदद की जा रही है. इसके अलावा इन समूहों द्वारा कोविड-19 वायरस की रोकथाम सम्बन्धी कदम उठाने के लिए स्थानीय लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.
इस अवसर पर मौजूद समूह वलंटियरों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कोविड की तीसरी लहर से निपटने के लिए सुझाव भी दिए.
इस अवसर पर सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अरुणाचौधरी, सुल्तानपुर लोधी से विधायक नवतेज सिंह चीमा और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह भी उपस्थित थे.