मुख्यमंत्री का जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र का दौरा फ्लॉप : कांग्रेस

प्रतीकात्मक फोटो
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आदर्श हिमाचल ब्यूरो 
शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र का दौरा फ्लॉप और निराशाजनक रहा । यह बात ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोतीलाल डेरटा, रमेश सावंत, राविन्दर चौहान, राकेश चौहान (नीटू) ,जय लाल धान्टा, जितेंदर मैहता, संदीप सेहटा,अनिल चौहान, विक्रम कंवर, भोपाल शर्मा, मुन्नी लाल, वेद सुन्टा,यशोधर तांटा, लोकपाल शरकोली, कांता, उमेश सुमन, प्रताप चौहान,  सुरेश चौहान, प्रशांत चौहान, कौशल मुंगटा, राहुल शान्टा आदि ने संयुक्त बयान में कहीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक नई घोषणा तक नही की जबकि पूर्व में की गई घोषणाएं भी अभी तक  क्रियान्वयन नही हो पाई । नरेन्दर बरागटा क्षेत्र की मांगों को मजबूती से उठाने में विफ़ल रहे उनके भाषण में  मंत्री न बनने का दर्द  साफ़ छलक रहा था।
जुब्बल-कोटखाई भाजपा सभा स्थल में कई गुटों में नज़र आई । मुख्यमंत्री से जुब्बल-कोटखाई की जनता उम्मीद लगाए बैठी थी कि मुख्यमंत्री  नई  योजनाओं की सौगात देंगे लेकिन मुख्यमंत्री का एक घण्टे से लंबा भाषण खोदा पहाड़ निकली चुहिया बनकर रह गया।  उन्होंने मुख्यमंत्री के  दौरे को मात्र पंचायत चुनावी स्टंट क़रार दिया। पिछले तीन वर्षों के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में जिला शिमला के साथ हर क्षेत्र में भेदभाव हुआ हैं  जिससे जनता को घोर निराशा हाथ लगी हैं।  उन्होंने कहा कि नरेन्दर बरागटा सिर्फ़ पत्थर रखने का रिकॉर्ड बनाने में तुले हैं। इस वर्ष लगभग 70 पत्थर रखें गए जिसके बारें में न तो जनता को मालूम हैं ना ही स्वयं  नरेन्दर बरागटा को जानकारी हैं।  ठियोग हाटकोटी सड़क योजना का मात्र 8% शेष कार्य रोकने वाले बरागटा अब जनता को पत्थर के नाम से गुमराह नही कर पाएंगे। भाजपा की ₹301 करोड़ रुपये की घोषणाएं मात्र छलावा हैं इसी तरह  पिछले धूमल सरकार के कार्यकाल में झूठी घोषणाओं का आंकड़ा ₹1600 करोड़ पहुँचा था जिसका जवाब जनता  2012 के विधानसभा चुनाव में दे चुकी हैं।
स्थानीय विधायक  की जुगाड़ व नाटक की  राजनीति  क्षेत्र की जनता और मुख्यमंत्री के सामने बेनकाब हो चुकी  हैं। जिस गुड़िया कांड में राजनीति कर नरेन्दर बरागटा सत्ता में आए थे आज उसे भूल चुके हैं। मुख्यमंत्री की सभा में जनता की नाममात्र उपस्थिति से ऐसा लगता हैं कि जनता ने सरकार से पहले ही सामाजिक दूरी बना ली हैं। पूर्व कांग्रेस सरकार के समय खोले गए स्वास्थ्य संस्थान, जनता की मांग पर स्वीकृत बस रूट नकारात्मक राजनीति के चलते विधायक द्वारा बन्द करवाएं गए। जन हित को नजरअंदाज कर विधायक के चहेतों को लाभ देने तक विभागों की कार्यप्रणाली सीमित रही। नरेन्दर बरागटा का तीन वर्षो का कार्यकाल कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों में निकल गया।  विधानसभा क्षेत्र में सभी विकासात्मक कार्य रुकें पड़े हैं और अब पंचायत चुनाव नजदीक आते देख जनता को गुमराह करने के लिए मुख्यमंत्री को अंधेरे में रखकर नरेन्दर बरागटा आनन-फ़ानन में शिलान्यास करवा  रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले पंचायत और विधानसभा के चुनाव में हिमाचल की जनता जुमलेबाजों को मुँह तोड़ जवाब देगी।
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