आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। राष्ट्रीय अविष्कार अभियान, डाइट शिमला गणित और विज्ञान का प्रचार और प्रसार करने के लिए हमेशा से ही प्रयासरत रहा है। आज भी गणित दिवस के अवसर पर डाइट शिमला में दो दिन का जिला स्तरीय गणित कांग्रेस का समापन हुआ। इस का आयोजन हिमाचल प्रदेश स्टेट रामानुजन मैथ्स क्लब के साथ मिलकर किया गया। इसमें जिला शिमला के राष्ट्रीय अभियान में शामिल विद्यालयों के कक्षा छठी से आठवीं तक के बच्चों ने भाग लिया. इस मैथ्स कांग्रेस में बच्चों द्वारा बनाए गए गणित के मॉडल और गतिविधियाँ प्रस्तुति की गई।
कार्यक्रम का शुभारम्भ जिला के प्रारंभिक शिक्षा निदेशक भाग चन्द चौहान ने किया। प्रथम दिन प्रारंभिक शिक्षा विभाग, एन. सी. ई. आर. टी., नई दिल्ली, के मुखिया प्रोफेसर अनूप कुमार राजपूत ने ‘प्रारम्भिक शिक्षा स्तर पर गणित को पढ़ाने विधियाँ’ विषय पर अपनी प्रस्तुति दी. उन्होंने गणित की दैनिक जीवन के लिए उपयोगी बताया। गणित ‘क्यों’ का उत्तर देने की क्षमता का विकास करता है। अध्यापक कक्षा में गणित के प्रश्न हल करवाते हैं. प्रश्न हल करना जरुरी नहीं है, बल्कि उस अवधारणा की समझ बनाना जरुरी है। राजपूत ने अध्यापकों और बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा, “जब हम किन्हीं दो संख्याओं को जोड़ते हैं तो पहले इकाई को ही क्यों जोड़ा जाता है? यदि सैंकड़े के अंक को पहले जोड़ें तो क्या होगा? इस स्तर पर अपने आप को रखकर ही गणित की समझ बनाई जा सकती है।” उन्होंने जोर देकर कहा, “सिखाने की प्रक्रिया में बदलाव लाना बहुत जरुरी है. क्योंकि बदलाव ही स्थिर है. जीवन की घटनाओं को समझने के लिए गणित एक मजेदार गतिविधि है।” सीखी हुई अवधारणा ही याद रहती है और रटी हुई बात भूल जाती है। इसके बाद बच्चों द्वारा गणित की विभिन्न अवधारणाओं पर ऑनलाइन प्रस्तुतियाँ विडियो के माध्यम से की गई. इन प्रस्तुतियों को चयनित अध्यापकों द्वारा जांचा गया। इन गतिविधियों में घनाहट्टी की शगुन, डिंपल, मोहित; सराहन की अर्चना, सुरजीत; रामपुर की कुशरिका; टिककर के उमेश; नेरवा के साहिल; देहा की कत्यानी आदि की गतिविधियाँ प्रस्तुत की गई।
दुसरे दिन एन. सी. ई. आर. टी. के गणित विभाग के प्रोफेसर टी. पी. शर्मा ने गणित दिवस के बारे में बच्चों को अवगत करवाया. इस दिवस की उपयोगिता और देश के महान गणितज्ञ श्रीनिवासन रामानुजन के बारे बताया। बच्चों को सम्बोधित करते हुए बताया कि आप भी कल के रामानुजन बन सकते हो. अध्यापकों को चाहिए कि वे बच्चों को प्रोत्साहित करें। पढाने के साथ – साथ उसे अपने व्यवहार में भी लाएँ. अध्यापक बच्चों को पढ़ाने के लिए सार्थक शब्दों का प्रयोग करें। उसके बाद बच्चों की प्रस्तुतियों को ऑनलाइन साझा किया गया। इनमें कुपवी की संधिरा, बल्देयाँ के तुषार, नेरवा की स्नेहा; बसंतपुर के जैन और अनुष्का; घनाहट्टी की शगुन, काजल शिवम्; रोह्डू के अरिक; नेरवा के सक्षम और जंगला के रिजुल और प्रयांशिका के मॉडल प्रस्तुत किए गए।
गुजरात के डॉ. चन्द्रमौली जोशी ने बच्चों को वैदिक गणित के टिप्स दिए। उन्होंने डाइट शिमला के राष्ट्रीय अविष्कार अभियान की गतिविधियों को सराहा। बच्चों ने जोशी द्वारा बताई गई गुणा की टिप्स का आनन्द लिया। जोशी ने गणित को रुचिकर बनाने के लिए वैदिक गणित की उपयोगिता के महत्त्व को अध्यापकों से साझा किया।
अन्त में जिला शिमला के राष्ट्रीय अभियान के संयोजक डॉ. संजीव कुमार ने राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के अन्तर्गत किए गए कार्यों की प्रस्तुति दी और सभी के साथ इन प्रतियोगियों के परिणामों को साझा किया। गणित की गतिविधियों में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सराहन की अर्चना, कक्षा सातवीं ने प्रथम; घनाहट्टी की कक्षा सातवीं की शगुन शैवी शर्मा ने दूसरा और नेरवा के कक्षा छठी के साहिल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
गणित मॉडल में जंगला के रिजुल शर्मा, कक्षा आठवीं ने प्रथम; घनाहट्टी की कक्षा सातवीं की शगुन शैवी शर्मा ने दूसरा और जंगला की कक्षा आठवीं की प्रयांशिका ने तीसरा स्थान हासिल किया।
राज्य परियोजना कार्यलय से डॉ. मंजुला शर्मा ने सभी बच्चों को बधाई दी और इस प्रकार के आयोजन करने के लिए डाइट शिमला की सराहना की. राष्ट्रीय अविष्कार अभियान, डाइट शिमला के द्वारा किए गए प्रयास राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहे गए हैं. इसके लिए डी. पी. ओ. शिमला जय देव नेगी और डॉ. संजीव कुमार बधाई के पात्र हैं।कोविड काल में इस प्रकार बच्चों को जोड़कर कार्य करना और उन्हें गणित की गतिविधियाँ और मॉडल बनाना अपने आप में एक सफल आयोजन है. डाइट प्रधानाचार्य जय देव नेगी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अध्यापकों एच. एस. धर्मा, कुफ़री; जगर नाथ, पतली कुहल और उमेश शर्मा, द्रुमन जिन्होंने सभी गतिविधियों को जाँचा का सभी अध्यापकों, बी. आर. सी. सी. और प्रधानाचार्य महोदय का इस कांग्रेस को सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त किया।