चीन ने किया अब जिला किन्नौर के साथ लगती सीमाओं तक सड़क पहुंचाने का काम शुरू, नोमेंस लेंड तक बढ़ रहा चीन

विशेषर नेगी

शिमला। चीन ने अब हिमाचल क्षेत्र की ओर किन्नौर जिला के साथ लगतसीमाओं तक सड़क पहुंचाने का कार्य तेज किया है । किन्नौर के मोरंग घाटी क्षेत्र के आखरी गाँव कुनु चारङ्ग से आगे खेम कुल्ला पास की ओर मोटर योग्य सड़क बनाने का काम चीन ने युद्ध स्तर पर चलाया है। अब लोगो में संशय है कि दो किलोमीटर का जो क्षेत्र नो मेन्स लेंड का होता है, कही उस क्षेत्र में भी चीन सड़क निर्माण तो नही कर रहा है। हाल ही में चारङ्ग गांव का 9 सदस्यीय दल 16 घोड़े खच्चर और 5 पोर्टर समेत चारङ्ग ग़ांव से करीब 22 किलोमीटर ऊपर बार्डर की ओर गया था। इस दल में कुछ आईटीबीपी के जवान भी शामिल हुए ।  जब दल ने खेमकुल्ला पास पहुंच कर तिब्बत क्षेत्र की ओर नजर दौड़ाई तो उन की आंखे खुली की खुली रह गई। दो महीने में चीन ने करीब 20 किलोमीटर सड़क का निर्माण भारत तिब्बत सीमा की ओर तेजी से किया है।
 
दल ने बताया कि बीते वर्ष अक्टूबर में तिब्बत के भारत की ओर के आखरी ग़ांव ताँगों तक ही सड़क थी। लेकिन इस बार बर्फ हटते ही दो महीने में तिब्बत के तांगों ग़ांव से भारत सीमा की ओर 20 किलोमीटर तक सड़क का निर्माण कर दिया है। इतना ही नहीं किन्नौर जिला के सांगला घाटी के छितकुल के पीछे तिब्बत के यमरंग ला की ओर भी सड़क निर्माण जारी होना है। चीन सीमा से सटे ग़ांव चारङ्ग के ग्रामीण जो सीमा की रेकी कर खेमकुल्ला पास से लौटा है जिन में बलदेव नेगीए जेपी नेगीए विपिन कुमारए भागी रामए नीरजए मोहन आदि ने बताया की अब केवल 2 किलोमीटर क्षेत्र में चीन की ओर से भारत बार्डर तक सड़क निकालना बाकी है। टीम के सदस्य बलदेव नेगी ने बताया वर्तमान में सड़क निकाने का कार्य तेजी से चला है।उन्होंने देखा कि 5 पोक लेन व कुछ बड़े बड़े डंपर सड़क निर्माण में लगे है।
बलदेव नेगी ने बताया वे दल के साथ अपने 16 घोड़े भी ले कर गए थे। उन्होंने बताया चाइना की ओर से सांगला घाटी के छितकुल की ओर तिब्बत क्षेत्र में यमरंगला की ओर भी सड़क निर्माण गतिविधियां हो रही है। छह दिन तक रेकी करने के बाद उन्होंने पाया कि सड़क निर्माण रात होते ही तेजी से आरम्भ हो रहा है। उन्होंने पाया कि ड्रोन पहले भारतीय सीमा में रेकी करने छोड़ा जाता हैए उस के बाद भारी विस्फोटो की आवाज आ रही थीए इस से अनुमान लगाया जा रहा हैकि सड़क निर्माण के लिए विस्फोट किए जा रहे है।
उन्होंने कहा चाइना की ओर से ड्रोन भेजे जाते हैं । इस से स्थानीय लोगो मे भय का माहौल है। लेकिन भारत क्षेत्र में ना तो सड़क सही हालत में है ।दूसरा मोबाईल नेटवर्क भी नहीं है। ऐसे में चाइना की ओर से अगर ढोकलाम की तरह घुसपैठ किया जाता है तो उनके इलाके के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। अभी भारत की ओर से चारङ्ग ग़ांव तक सड़क ठीक नही किया गया हैए उस से आगे बार्डर 22 किलोमीटर पैदल व विकट मार्ग है। मोबाइल सम्पर्क के लिए भी ग़ांव से 14 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। उन्होंने बताया बॉर्डर की ओर भारत की ओर से स्थानीय भेड़ पालकों को जाने नही दिया जाता है। अगर भेड़ पालक पूर्व की तरह ऊंच पहाड़ियों पर जाते तो सीमा पार की गतिविधियों की जानकारी समय समय पर सांझा करते।
एसपी किन्नौर साजु राम राणा ने बताया जो व्यक्ति तिब्बत सीमा में गया था और तिब्बत क्षेत्र में सड़क निर्माण की बात और अन्य मुद्दे उठाये थे। उन्होंने बताया भारतीय सीमा बिलकुल सुरक्षित है ए कोई घबराने की
जरूरत नहीं। कोई भी ऐसी गतिविधि भारतीय सीमा भीतर नहीं हो रही है। यह भात भी सामने आई है की ड्रोन भारतीय सीमा क्षेत्र में आया है। उन्होंने माना की भारतीय क्षेत्र के तिब्बत सीमा से सटे इस आखिरी गाँव तक सड़क ठीक नहीं है और न ही संचार सेवा है। कुन्नू चारंग गाँव के पंचायत प्रधान ने माना की उन के गाँव के लोग खेमकुल्ला पास जा कर आये और सीमा पार तेजी से सड़क निर्माण होना बताया। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रवृति को प्रश्नांकित करते हुए बताया भारत सीमा के साथ इतना लम्बा सड़क ट्रेक कुछ दिनों में नहीं बना हो सकता है। इसे बनाने में कई महीनो लगे होंगे ए इस दौरान भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को क्यों खबर नहीं मिली। उन्होंने बताया भारतीय क्षेत्र में उन के गाँव चारंग तक भी सड़क ठीक नहीं है ए इसी तरह दूरभाष भी नहीं है।

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