शिमला: मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिमला, मनाली मेलान और झील निर्माण विभाग की अन्य परियोजनाओं पर धीमी गति से चल रहे कार्यों पर अधिकारियों की जमकर खिंचाई की. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को हर 15 दिन में रेड कनेक्टिविटी से संबंधित परियोजनाओं पर फीडबैक लेने के निर्देश दिए. लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को नए लक्ष्य दिए हैं और सरकार बजट सत्र से पहले एक बार फिर उनकी समीक्षा करेगी. सीएम ने अधिकारियों को किरतपुर-नेरचक-मनाली और परवाणू-सोलन-धाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर काम में तेजी लाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि चूंकि ये दोनों सड़कें राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों शिमला और मनाली को जोड़ती हैं, इसलिए इन्हें समय पर पूरा करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन परियोजनाओं पर 70 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है, उन परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने को कहा गया है. मुख्यमंत्री ने विभाग को राज्य के प्रमुख जिलों और गांवों में पैच वर्क और सड़कों को तार करने के लिए एक विशेष अभियान चलाने के लिए कहा ताकि यात्रियों को कोई असुविधा न हो. उन्होंने अधिकारियों को भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की पहचान करने और भूस्खलन की संभावना को कम करने के लिए डीपीआर तैयार करने का भी निर्देश दिया. निरीक्षण सुनिश्चित करें और उच्चाधिकारियों को नियमित रूप से अपनी रिपोर्ट दें. मुख्यमंत्री ने फील्ड अधिकारियों को हर पखवाड़े कार्यों की प्रगति की समीक्षा करने और नियमित रूप से निगरानी करने के भी निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि कार्यों में पूरी गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए और इस संबंध में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. नाबार्ड और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से संबंधित परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने को कहा गया. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्वीकृत परियोजनाओं का जल्द से जल्द आवंटन करने के निर्देश दिए ताकि इन परियोजनाओं पर काम जल्द पूरा किया जा सके.
उन्होंने अधिकारियों को महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए संसाधन जुटाने के भी निर्देश दिए. राज्य में 650 किमी राज्य सड़क नेटवर्क का उन्नयन किया जाएगा, जबकि 1350 किमी सड़कों का समय-समय पर रखरखाव किया जाना है. राष्ट्रीय राजमार्ग के 71 किलोमीटर चौड़ीकरण व तीन पुलों के निर्माण के लक्ष्य की तुलना में अब तक 85 किलोमीटर सड़कों को चौड़ा और मजबूत करने का लक्ष्य हासिल किया जा चुका है. उन्होंने अधिकारियों को मुख्यमंत्री की घोषणाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए.
सीएम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्वतीय राज्यों की तरह सड़कों की जीवन रेखा का काम करता है क्योंकि इन राज्यों में परिवहन के साधन सीमित हैं. इसलिए राज्य में सड़कों के उचित रखरखाव और निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता देना अनिवार्य है. नाबार्ड के तहत निर्धारित वित्तीय लक्ष्यों और उपलब्धियों को प्राप्त करने में देरी को राज्य सरकार गंभीरता से लेगी. सरकार लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से भी नहीं हिचकेगी.