आदर्श हिमाचल ब्यूरो
जानिए क्या होती है स्पेशल लीव पिटिशन
किसी भी कोर्ट , ट्रिब्यूनल या हाई कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्णय के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से विशेष अनुमति प्राप्त करने हेतु एसएलपी दायर की जाती है। एसएलपी संविधान के आर्टिकल 136 के अंतर्गत दायर की जाती है।
आर्टिकल 136 के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के पास यह अधिकार है कि वह अपनी विवेकानुसार किसी भी एसएलपी को एक्सेप्ट या रिजेक्ट कर सकता है।
एसएलपी किन मामलों में दायर की जाती है
भारत के किसी भी कोर्ट या ट्रिब्यूनल के द्वारा दिए गए निर्णय ,डिक्री ,दंडादेश या आदेश के विरुद्ध एसएलपी दायर की जा सकती है।
अपवाद
सशस्त्र बलों के कोर्ट या ट्रिब्यूनल के द्वारा दिए गए आदेश या निर्णय के विरुद्ध एसएलपी दायर नहीं की जा सकती है।
एसएलपी और अपील में अंतर
1. अपील हमेशा किसी कोर्ट के अंतिम निर्णय के विरुद्ध की जाती है, जबकि एसएलपी किसी भी निर्णय के विरुद्ध की जा सकती है चाहे निर्णय अंतरिम हो या अंतिम।
2. अपील हमेशा नीचे वाले कोर्ट से उससे ऊपर वाले कोर्ट में की जाती है, आप सीधे हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं कर सकते हो। जबकि एसएलपी किसी भी अदालत के निर्णय के विरुद्ध सीधे सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा सकती है।