आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डाॅ. निपुण जिंदल ने आज यहां कहा कि कोरोना महामारी अपने साथ अन्य कई चुनौतियां भी लेकर आई है। इस महामारी के दौरान पाॅजिटिव मरीजों को बीमारी के दौरान, पोस्ट कोविड अवधि, पहले से मौजूद मानसिक विकारों वाले मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ आम जनता के मानसिक स्वास्थ्य की चिंताओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार ने इस दिशा में पिछले एक वर्ष के दौरान अनेक कदम उठाए है।
उन्होंने कहा कि महामारी की शुरुआत के उपरांत ऐसे मरीजों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश सरकार द्वारा पर्याप्त कदम उठाए गए हैं। 104 हेल्थ हेल्पलाईन के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य व नशामुक्ति से संबंधित परामर्श सेवाएं प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार ने पिछले साल एक अप्रैल से मनोरोग परामर्श के लिए नई सुविधा ई-संजीवनी भी आरम्भ की है। लाॅकडाउन और महामारी की स्थिति के कारण मानसिक स्वास्थ्य के मामलों में वृद्धि की आशंका के दृष्टिगत स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकता को पूरा करने के लिए आईजीएमसी शिमला और एसएलबीएसजीएमसी नेरचैक मंडी में मनोचिकित्सकों को विशेषज्ञ चिकित्सकों के रूप में तैनात किया गया है।
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इस सुविधा के माध्यम से अब तक 4854 परामर्श किए जा चुके हैं, जिसमें से 2337 रोगियों को जनवरी, 2021 से परामर्श प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्तर पर भी मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं। उन्होंने कहा कि महामारी का उपयोग सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को स्थापित करने के अवसर के रूप में किया गया है। जिला स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य उपचारात्मक सेवाओं को मजबूत करने के लिए जिला मानसिक स्वास्थ्य टीमों का गठन किया गया है, जिन्हें मानसिक स्वास्थ्य निगरानी, जागरूकता लाने, मानसिक स्वास्थ्य रोग का शीघ्र पता लगाने और उपचार के लिए जिलों में विशेष सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं में क्षमता निर्माण के लिए राज्य में परामर्शदाताओं को मोड्यूल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए है। जिलों में तैनात मनोचिकित्सकों को टीओटी के रूप में प्रशिक्षित किया गया है।
नई दिशा केंद्रों के चिकित्सा अधिकारियों को मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मामलों और नशामुक्ति के लिए प्रशिक्षित किया गया है। एनआइएमएचएएनएस के माध्यम से चिकित्सा अधिकारियों को सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में प्रशिक्षित किया गया है उन्होंने कहा कि लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए विज्ञापन, होर्डिंग, बैनर, पोस्टर, जिंगल्स और सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म के माध्यम से नियमित रूप से प्रयास किए जा रहे है। भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली से प्राप्त निर्देश के अनुसार, नेशनल कमीशन फाॅर प्रोटेक्शन आॅफ चाइल्ड राइट्स विद इंडिया सीओ-विन एक्शन नेटवर्क (आई-कैन) ने योग्य और प्रशिक्षित परामर्शदाताओं, मनोवैज्ञानिकों का एक नेटवर्क तैयार किया है। कोविड महामारी के दौरान बच्चों को मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा और भावनात्मक सहायता प्रदान करने के लिए विशेषज्ञ टोल फ्री परामर्श हेल्पलाइन संवेदना 1800-121-2830 के माध्यम से भी प्रयास किए जा रहे हैं। यह हेल्पलाइन सोमवार से शनिवार तक सुबह 10.00 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक और दोपहर 3.00 बजे से रात 8 बजे तक उपलब्ध है।