आदर्श हिमाचल ब्यूरो
रोहड़ू। नगर पंचायत चिड़गांव के चुनाव परिणामोँ में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है। यहां भाजपा को केवल एक सीट पर संतुष्ट होना पड़ा है। कांग्रेस ने यहां सात में से छह सीटों पर जीत हासिल की है। उल्लेखनीय है कि नगर पंचायत चिड़गांव इसी बार अस्तित्व में आया है। पहले ही चुनावों में यहां लोगों ने भाजपा को नकार दिया है।
बेशक यहां हुए चुनाव पार्टी सिंबल पर नही हुए है लेकिन कांग्रेस ब भाजपा समर्थित उम्मीदवारों में कड़ा मुकाबला रहा। इनमें काँग्रेस समर्थित छह लोगों को जीत हासिल हुई है जबकि एक भाजपा समर्थित व्यक्ति जीता है।
फ है कि पिछले कुछ समय से यहां भाजपा उम्मीदवार रही शशिबाला के खिलाफ विभिन्न संगठनों सहित स्थानीय लोगों में भी खासा रोष व्याप्त है। अभी कुछ ही दिनों पहले रोहड़ू के भाजपा ब्लाक से 84 पदाधिकारियों व सदस्यों ने शशिबाला के तानाशाही रवैये के कारण एक साथ इस्तीफा दे दिया था। साफ है कि नगर पंचायत चिड़गांव के चुनावों में भी भाजपा कार्यकर्ताओं की अनेदखी का परिणाम साफ झलक रहा है।
हालांकि पुख्ता् सूत्रों की मानें तो साफ जनादेश के बावजूद भाजपा नेत्री यहां भी अपना अध्यक्ष बनाने की बात कर रही हैं , जबकि खाते में केवल एक सीट है। साफ है कि अध्यक्ष बनाने के लिए खरीद-फरोख्त की जाएगी। इससे पहले भी भाजपा ने चिड़गांव बीडीसी के अध्यक्ष पद पर प्रियंका लुखयान को लाना चाहा था लेकिन उसे अभी तक शपथ भी नहीं दिला की है भाजपा। भाजपा की यही गलती अब भारी पड़ती दिख रही है।
माना जा रहा है कि शशिबाला पर संगठन के वरिष्ठ नेतृत्व का हाथ है। लेकिन एक नेत्री पर हाथ और बाकी पार्टी से सालों से जुड़े कार्यकर्तओं की अनदेखी निश्चित तौर पर भाजपा को आने वाले विधानसभा चुनावों में इस सीट पर तो कम से कम भारी पड़ेगी। सत्ता को मद में जमीनी हकीकत को अनदेखा करना भाजपा का जमीन को और हिला गया है।