कांग्रेस ने किया सचिवालाय के बाहर जोरदार प्रदर्शन, सरकार को फैसला पलटने के लिए दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला।  जिला कांग्रेस शहरी के नेतृत्व में आज कांग्रेस ने कोविड 19 के दूसरे अनलॉक चरण में प्रदेश की सीमाओं को पूरी तरह खोंलने के विरोध में राज्य सचिवालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया।  कांग्रेस ने सरकार के इस निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि जब तक इन सीमाओं पर कोविड 19 की जांच का आधार भूत ढांचा विकसित नही किया जाता तब तक इस फैंसले का टाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस फैसले से प्रदेश के लोगों में कोविड 19 को लेकर डर और भय फैलता जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश में पर्यटन एवं अन्य व्यवसाय के विरोधी नही है पर अभी इस माहमारी के प्रति पूरी तरह सचेत रहने की बहुत आवश्यकता है। इसलिए सरकार को इस फैंसले पर जनहित में पुनर्विचार करना चाहिए।
जिला कांग्रेस ने सोमवार को सचिवालय के बाहर प्रदर्शन और नारेबाजी करने पर पुलिस ने दर्जनों लेागों पर केस दर्ज कर दिया है। कांग्रेस नेताओं ने उपायुक्त शिमला के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन भी सौंपा। जिला कांग्रेस नेताओं ने कोरोना के खतरों को बढ़ता देख सरकार से बाहरी राज्यों के लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग उठाई।
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कांग्रेस नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी कि तत्काल पर्यटकों के हिमाचल आने पर रोक नहीं लगाई तो प्रदेश भर में पार्टी विरोध प्रदर्शन करेगी। करीब एक घंटे तक जिला कांग्रेस ने प्रदर्शन और नारेबाजी की। पुलिस ने दर्जनों लोगों पर केस दर्ज किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि  प्रदेश में होटल व्यवसायी व अन्य कारोबारी भी अभी इसके पक्ष में नही है,ऐसे में यह निर्णय तब तक टाल दिया जाना चाहिए जबतक की देश मे इस माहमारी का प्रकोप खत्म नही हो जाता।उन्होंने कहा कि एक समय था जब प्रदेश में एक भी कोविड संक्रमित नही था जो अब 1150 के आसपास पहुंच गया है।उन्होंने कहा कि अब तक इस माहमारी से 9 लोगों की जान भी जा चुकी है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाहर से आने वाले लोगों की सही ढंग से स्वास्थ्य जांच न होना इसके फैलाब का मुख्य कारण रहा है।उन्होंने कहा कि अगर कोविड19 के सभी सुरक्षा मानकों का सही ढंग से सीमाओं पर पालन किया जाता तो आज प्रदेश इस गंभीर समस्या से बच सकता था।उन्होंने आरोप लगाया की प्रदेश सरकार से इसमें बड़ी चूक हुई है।

राठौर ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश को कोरोना डेस्टिनेशन नही बनने दिया जाएगा।
उन्होंने सरकार से मांग की कि प्रदेश में कोविड19 के सभी प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करते हुए इसकी रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए।उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करना सरकार की पूरी जिम्मेदारी है।उन्होंने कहा कि सीमाओं पर इतनी कमजोर व्यवस्था है कि लोग फर्जी तरीके से प्रवेश कर रहें है।
राठौर ने बाद में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इस संदर्भ में पार्टी की चिंताओं का एक ज्ञापन  जिलाधीश अमित कश्यप के माध्यम से  दिया। इसमें मांग की गई है कि हाल ही कि मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गय सभी जनविरोधी निर्णयों को वापिस लिया जाए।

इन निर्णयों को वापिस लेने को कह रही कांग्रेस

बसों में 25 प्रतिशत में किराया बृद्वि के प्रस्ताव को रद्द किया जाए।
बिजली के बिलों में 125 यूनिट्स के ऊपर की गई बढ़ोतरी को भी वापसी लिया जाए।
राशन की सब्सिडी से बाहर किये गए एपीएल परिवारों को पुनः शमिल किया जाए।
कर्मचारी व पेंशन विरोधी निर्णयों को रद्द किया जाए।
कर्मचारियों के भविष्य निधि ब्याज को जो कम किया गया है उसे बढ़ाया जाए।
सभी कर्मचारियों का डी ए  बहाल किया जाए।
डीजल पेट्रोल की बड़ी कीमतें कम की जाए।
पिछले चार महीनों से बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं कोई आर्थिक सहायता दी जाए।

यह नेता रहे प्रदर्श में शामिल 

इस धरना प्रदर्शन में कुलदीप सिंह राठौर के साथ पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी,शिमला शहरी के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी,ग्रामीण अध्यक्ष यशवंत सिंह छाजटा,हरि कृष्ण हिमराल, वेद प्रकाश ठाकुर,जैनब चंदेल,निर्मला ठाकुर,इंद्र जीत सिंह,आनंद कौशल,सुशांत कपरेट,शशि ठाकुर,सुनीता शर्मा,कृष्णा देवी आकाश सैनी,राहुल मेहरा,धर्मपाल ठाकुर,देवन भट्ट,अतुल गौतम,प्रकाश चंद,रवि राणा,नीरज बक्शी,धीरेन्द्र गुप्ता,लाल सिंह ,मुकल गुप्ता,जशपाल ठाकुर,हिमाशु कुमरा,व कई अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।
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