आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम को सफल बनाने के लिए जल्दी ही कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे। यहां से तुरंत सूचना उपलब्ध होगी। हालांकि इस तरह के ट्रैकिंग डिवाइस काफी समय से वाहनों में लगाए जा रहे हैं, मगर इनके लिए कोई कंट्रोल रूम स्थापित नहीं था। परिवहन मंत्री ने जल्द इसे स्थापित करने को कहा है। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए 10 करोड़ 40 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के नए परिवहन मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर ने परिवहन विभाग की समीक्षा की, जिसमें कई बातें सामने आई हैं। परिवहन मंत्री ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा जन सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध करवाने के लिए ई-परिवहन व्यवस्था आरंभ की जा रही है।
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इस व्यवस्था को पायलट आधार पर शिमला और धर्मशाला में आरंभ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि वाहनों के स्वचालित निरीक्षण और प्रमाणीकरण के लिए बद्दी में ऑटोमेटेड इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर खोला जाएगा। इसके लिए भारत सरकार द्वारा 16 करोड़ 50 लाख रुपए और राज्य सरकार द्वारा तीन करोड़ 65 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। विक्रम सिंह ने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा वाहनों की जांच के लिए राज्य में मोबाइल ऑटोमेटिड टेस्टिंग स्टेशन भी खोले जाएंगे। हर एटीएस के लिए 6.5 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। परिवहन विभाग द्वारा पांवटा और कालाअंब में पूर्णतः स्वचालित परिवहन बैरियर भी स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक बैरियर स्थापित करने के लिए लगभग चार करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। इस दौरान प्रधान सचिव परिवहन केके पंत, आयुक्त परिवहन कैप्टन जेएम पठानिया, अतिरिक्त आयुक्त हेमिस नेगी व अजय शर्मा आदि उपस्थित थे।