आदर्श हिमाचल ब्यूरो
देहरादून – उत्तराखंड राज्य में कोरोना सक्रंमण बहुत ही विकट स्थिति में पहुंच गया है। यहां रोजाना पांच हजार के करीब संक्रमित पाए जा रहे हैं। इसी तरह संक्रमितों की मौतें भी लगातार बढ़ती चली जा रही हैं।
देहरादून के रायपुर में कुछ ऐसा हृदय विदारक नजारा देखने को मिला हैं। जहां श्मशान के अंदर चिताओं की कतारें थीं तो बाहर एंबुलेंस की। आलम यह है कि कोविड मरीज के दाह संस्कार में कई घण्टों लाइन लगा रहना पड़ रहा हैं।
बता दें कि शव दाह संस्कार में उपयोग की जाने वाली लकड़ियों की कमी को देखते हुए हरिद्वार में लगे गोबर की लकड़ी के प्लांट से अब गोबर से निर्मित लकड़ियां चंद्रेश्वनगर स्थित मुक्तिधाम शमशान घाट में पहुंच रही हैं।
जो शमशान घाट में छह सौ से सात सौ रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से दाह संस्कार करने वाले लोगों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह लकड़ी सामान्य लकड़ियों के साथ दी जा रही हैं।
मुक्तिधाम के अध्यक्ष अनिल किंगर ने बताया कि पहले एक मृतक के दाह संस्कार के लिए चार क्विंटल लकड़ी दी जा रही थी, लेकिन अब लगातार आ रहे मृतकों के शवों के संस्कार किए जाने के लिए लकड़ियों की कमी हो रही है।
इस कमी को दूर करने के लिए अब उन्होंने गोबर की लकड़ी देने का निर्णय लिया है। कहा वे चार की जगह अब तीन क्विंटल लकड़ी और एक क्विंटल गोबर से निर्मित लकड़ी देंगे।
गोबर की लकड़ी का शव संस्कार में प्रयोग सफल रहेगा तो वे प्रदेश सरकार से इसका प्लांट ऋषिकेश में भी लगाने की मांग करेंगे।
गौरतलब हो कि उत्तराखंड सरकार ने यह भी निर्देश दिए है कि लावारिस शवों का अंतिम संस्कार एसडीआरएफ कराएगी।