आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। करोना की पहली लहर के पश्चात जिस तरह से हमने दूसरी लहर की चेतावनी को नजरअंदाज किया उसका खामियाजा हम सभी को भुगतना व झेलना पड़ा । हमारी अपनी लापरवाही के कारण ही करोना कि दूसरी लहर में संक्रमितओं की संख्या अधिक बड़ी, मौतों के आंकड़ों में इजाफा हुआ। हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कॉविड महामारी की दूसरी लहर में पहली लहर की तुलना में 1493 अधिक लोगों की मृत्यु हुई ।पहली लहर में मामलों की संक्रमित मामलों की संख्या 58403 थी, दूसरी लहर में संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 143262 हो गई दूसरी लहर में पॉजिटिविटी दर भी दुगनी से अधिक हो गई दूसरी लहर में 2475 मौतें हुई जबकि कोरोना की पहली लहर में 982 मौतें हुई थी।
देश में आक्सीजन सिलेंडरों की कमी पड़ने लगी, दवाइयों का अभाव होने लगा। एक अनुमान के अनुसार करोना की तीसरी लहर बच्चों को निशाना बनाएगी । विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी तीसरी लहर पर चेताया है कि भीड़ को काबू रखें सभी देश। तीसरी लहर से पहले सरकारों को जमीनी स्तर पर प्रयासों में तेजी लाने की सलाह दी गई है । संगठन ने भारत सहित दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों से कहा है कि स्वास्थ्य व सामाजिक उपायों को बढ़ाने के क्षेत्र के लिए कार्यों में तेजी और भीड़ नियंत्रण के लिए सख्ती करना अति आवश्यक है । हिमाचल के पड़ोसी राज्य पंजाब में डेल्टा प्ल्स वैरीअंट के मामले सामने आने से हिमाचल में भी अलर्ट हो गया है इसके इलावा जम्मू में भी इस तरह का वेरिएंट मिला है। हिमाचल के साथ दोनों राज्यों की सीमाएं लगती है अतः यह एक चिंता का विषय है।
कोरोनावायरस, ब्लैक फंगस के बीच मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम ने और चिंताएं बढ़ा दी है । कोरोना संक्रमित होने के 4 से 6 सप्ताह बाद बच्चों के हार्ट, गुर्दे और लीवर को प्रभावित कर रहा है। महाराष्ट्र में 9500 से अधिक बच्चों के संक्रमित होने के आंकड़े चिंताजनक इस तरह से उत्तराखंड में 3000 से अधिक बच्चों में करो ना फैलने की खबर है । इधर हिमाचल में 1 जुलाई से मंदिर खुलेंगे और बाहरी राज्यों से बसें चलनी आरंभ हो जाएंगी और बाजारों का समय बढ़ाकर रात 8:00 बजे तक कर दिया गया है और जिम, सिनेमा हॉल ,पार्क ,गोल्फ कोर्स, ऑडिटोरियम स्पोर्ट्स कंपलेक्स भी खुल चुके हैं और ढाबों और रेस्ट्रो में रात 10:00 बजे तक भोजन परोसा जा रहा है। हिमाचल में प्रवेश के लिए कोविड पास पंजीकरण की औपचारिकताएं खत्म होने के बाद बड़ी संख्या में सैलानियों ने वीकेंड पर शिमला का रुख किया है और पंजाब ,हरियाणा, चंडीगढ़ दिल्ली से भारी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं ।
इस वीकेंड पर करीब 22000 वाहनों ने शोघी बैरियर से आवाजाही की। लगभग 11000 पर्यटक वाहन शिमला शहर में दाखिल हुए। ऐसी स्थिति में कुछ सैलानी जहां कमरे की तलाश में शिमला के अतिरिक्त मशोबरा , फागू, कुफरी तक पहुंच गए वहीं कुछ सैलानियों ने शहर में गाड़ियों में ही रात बिताई ।मनाली, मैकडोल गंज, चंबा के डलहौजी ,खजियार सोलन के चायल ,कसौली में भी पर्यटकों का हुजूम उमड़ रहा है। सैलानियों की बढ़ती आवाजाही को देखते हुए प्रदेश में भी डेल्टा प्लस वैरीअंट आने की आशंका बढ़ी है ।हिमाचल में सैलानियों के पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है ऐसे में जाने अनजाने में डेल्टा प्लस वैरीअंट के हिमाचल पहुंचने की आशंका से भी नकारा नहीं जा सकता ।प्रदेश में हर दिन 18000 से अधिक वाहनों का प्रवेश चिंता का विषय है ।बाहरी राज्यों से 1 जुलाई से चलने वाली बसों की अधिसूचना जारी होने के बाद आवाजाही में और बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है।
सैलानियों का प्रदेश में आना अच्छी बात है लेकिन मास्क ना पहनने को लेकर पर्यटकों का पुलिस से उलझना वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है ।माल रोड और रिज मैदान पर ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी के साथ उलझने को लेकर पर्यटकों का चालान तो काटा गया लेकिन ऐसे नियम विरुद्ध चलने वाले सैलानियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि यहां की व्यवस्था सुचारू ढंग से चलती रहे। होटल व्यवसायियों को सरकार की ओर से जारी मानक संचालन प्रणाली का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं पर्यटकों से सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करने और फेस मास्क पहनने , 2 गज की दूरी का नियम का पालन करने की अपील की है लेकिन वास्तविकता में इतनी अधिक भीड़ में सामाजिक दूरी बनाए रखना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है ।अब बाजार खुल चुके हैं लोग बिना रोक-टोक से घर से बाहर निकल रहे हैं ।अब लोगों में कोरो ना का खौफ नहीं दिख रहा है सब्जी मंडियों में ,बाजारों में लोगों को सामाजिक दूरी का अब कोई महत्व नहीं है।
सरकार की ओर से बाजार पूरा दिन खोलने के फैसले के बाद काफी भीड़ देखी जा रही है कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए अभी ऐहतियात बरतना जरूरी है । आम जनता लाहपरावाह होती जा रही है ।अस्पतालों में भी मरीजों के लिए ओपीडी शुरू हो चुकी है ,ऐसी स्थिति में भीड़ और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है । जो गलतियां हमने करो ना की पहली व दूसरी लहर में दोहराही है उनसे आज सबक लेने की आवश्यकता है ताकि हम सतर्क, सावधान व जागरूक नागरिक की भूमिका निभाएं। प्रदेश व देश को इस संकट से बचाएं इसमें कोई संदेह नहीं कि करो ना काल के इस संकट में समाज का कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जो मानसिक, शारीरिक व आर्थिक रूप से प्रभावित ना हुआ हो चाहे वह व्यापारी हो, उद्योगपति हो ,किसान हो, श्रमिकों कर्मचारी हो या विद्यार्थियों हो ।यह एक विश्वव्यापी संकट है इसलिए सभी को समझ व निस्वार्थ भाव से संकट के समय प्रशासन के दिशा निर्देशों की अनु पालना करनी चाहिए ।अन्यथा निर्देशों की अवहेलना का परिणाम दुखद हो सकता है। इस समय समाज के प्रत्येक नागरिक को अपने हितों को किनारे रख सर्व हित सर्वोपरि होने चाहिए।
यह रियायते लोगों को अति आवश्यकता अनुसार जरूरतों को पूरा करने के लिए दी गई ना ,कि मौज मस्ती व भीड़ इकट्ठा करने के लिए । करोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सरकार के निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करने की किसी को भी अनुमति नहीं होनी चाहिए। आज समय की मांग है कि हम अपने आप को नियंत्रित रखें, अनुशासित रखें ,2 गज की दूरी बनाकर रखें मास्क पहन कर रखें ,भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें और अधिक से अधिक वैक्सीनेशन करवाएं ।यह प्रसन्नता का विषय है टीकाकरण अभियान में हिमाचल प्रदेश देशभर में पहले स्थान पर है प्रदेश में अब तक 49.7% आबादी को वैक्सीन लग चुकी है जबकि देश की राजधानी दिल्ली नौवें स्थान पर है ।केंद्र सरकार का यह निर्णय 18 साल से ऊपर के सभी आयु वर्ग का निशुल्क करो ना टीकाकरण करना एक अच्छा सकारात्मक कदम है ,इसलिए हमें अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीनेशन के इस अभियान में शामिल करना चाहिए ताकि हम सभी कोरोना महामारी से अपने आप को सुरक्षित रख सके।