आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला| हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश और सड़कों को हुए नुकसान के बावजूद सेब की पैदावार और विपणन में इस साल रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। 27 जून से 15 सितंबर, 2025 की अवधि में कुल 1.73 करोड़ सेब की पेटियां मंडियों में पहुंची हैं, जो पिछले वर्ष की 1.23 करोड़ पेटियों से कहीं अधिक है। यह सफलता मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की कड़ी निगरानी और लोक निर्माण विभाग के अथक प्रयासों का नतीजा है। सरकार ने क्षतिग्रस्त सड़कों को त्वरित रूप से दुरुस्त कर या अस्थायी जोड़ लगाकर सेब के सुचारू परिवहन को सुनिश्चित किया। प्रदेश के शिमला, किन्नौर, मंडी, सोलन और कुल्लू की कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) में भी बिक्री में भारी इजाफा दर्ज किया गया है। शिमला-किन्नौर एपीएमसी से 1.09 करोड़ से अधिक पेटियां बिकीं, जबकि कुल्लू में 20.88 लाख पेटियों की बिक्री हुई।
इस दौरान प्रदेश सरकार ने बागवानों की सुविधा के लिए मंडी मध्यस्थता योजना के तहत भी लाभ प्रदान किए हैं। एचपीएमसी के माध्यम से इस साल 55,000 मीट्रिक टन सेब खरीदे गए, जो पिछले साल से दोगुने से अधिक हैं। पराला, परवाणू और जरोल में फल प्रसंस्करण संयंत्र पूरी क्षमता से चल रहे हैं और रोजाना करीब 400 टन सेब का प्रसंस्करण हो रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और यूनिवर्सल कार्टन योजना के तहत बागवानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किए जा रहे हैं। उन्होंने समय पर सेब उठान के लिए अतिरिक्त ट्रकों की भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि खराब सड़कों के कारण कुछ क्षेत्रों में परिवहन चुनौतियां बनी हुई हैं, लेकिन प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर बागवानों को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाने के लिए सतत काम कर रही है।