आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। जीएसटी सतर्कता महानिदेशालय बद्दी ने जीएसटी चोरी के एक बड़े मामले का पर्दाफाश करते हुए 200 करोड़ की फर्जी बिलिंग पकड़ने में सफलता हासिल की है। हिमाचल की नामी उदयोग कंपनियां लैड व आयरन फर्जी खरीद कर जीएसटी की चोरी की और सरकारी खजानों से करोड़ो रूपयों पर हाथ साफ कर दिए। हिमाचल के उद्योगपति, जिसमें कई स्टील व बैटरी निर्माण से जुड़े हैं, वह इस फर्जीवाड़े को चंडीगढ़ के एक मास्टरमाइंड के जरिए अंजाम दे रहे थे। इसके लिए बाकायदा फर्जी कंपनियां बनाकर बिना वास्तविक व्यापार के ही फर्जी बिलों के सहारे करोड़ों रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया जा रहा था।
जीएसटी सतर्कता महानिदेशालयए बद्दी को जब इस मामले की भनक लगी तो उन्होनें इस का भंडाफोड करने के लिए पंजाबए हिमाचलए हरियाणा व दिल्ली की विभिन्न लोकेशंज पर दबिश देकर पूरे घोटाले की जांच की और इस पूरे घोटाले के सूत्रधार को चंडीगढ़ से धर दबोचाए जिसे कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
यह भी पढ़ेंः- https://www.aadarshhimachal.com/corona-update-three-people-have-died-due-corona-state-till-death-toll-reached-801/
जानकारी के मुताबिक जीएसटी सतर्कता महानिदेशालयए बद्दी ने डाटा एनालिटिक्स से मिले सुराग के आधार पर पिछले दिनों इस नेटवर्क की छानबीन शुरू की थीए जिसमें एक.एक कर बोगस ट्रेडिंग के कई तार जुड़ते चले गए। सतर्कता महानिदेशालय द्वारा खुलासा किया गया गया कि इस नेटवर्क ने कई शेल कंपनियां बनाकर ग्राहकों को फर्जी बिल जारी किएए जिन्होंने बिना कोई माल रिसीव किए अपनी जीएसटी लायबिलिटी के अगेंस्ट इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम किया और सरकारी खजाने को चपत लगाई।
जांच में यह फर्जीबाड़ा करीब 200 करोड़ का पाया गया है। इन लोगों से पूछताछ के आधार पर नेटवर्क के ऐसे तार भी खंगाले जा रहे हैंए जो क ई राज्यों में फैले हो सकते हैं। जीएसटी इंटेलिजेंस बद्दी के उपनिदेशक हरविंद्र पाल सिंह ने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि हिमाचल के कई बड़े उद्योग इस गोरखधंधे में शामिल थेए जिन्होने जाली बिलों को बढ़ावा दिया। उन्होनें बताया कि अगले दिनों में सतर्कता विभाग कई जगह और छापेमारी करके ऐसे और ज्यादा लोगों पर शिकंजा कसेगाए जिन्होंने नकली बिल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।