दीवान राजा
आनी। आमजनों के स्वास्थ्य को लेकर सरकारें कितना संजीदा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आनी मुख्यालय से लेकर गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्रों व केंद्रों तक लोग बड़ी उम्मींद के साथ इलाज के लिए अस्पताल तक पहुंचते तो हैं, लेकिन वहां डॉक्टर न मिलने से मायूस होकर वापस लौट आते हैं।
आलम यह है कि सरकार आए दिन बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के सम्बंध में अनेकों योजनाओं को चला रही है लेकिन अस्पताल में पहुंचने पर इलाज के लिए डॉक्टरों की कमीं पूरा करने के मामले में उदासीन रवैया अपनाए जाने से मरीजों की दिक्कतें कम नहीं हो रही है।

ऐसा ही आलम आनी उपमंडल के चवाई पीएचसी का भी है। जून 2017 में सरकार ने इसे स्वास्थ्य उपकेंद्र से अपग्रेड करके सीएचसी बना तो दिया लेकिन अधिसूचना के मुताबिक यहां एक मेडिकल अफसर की तैनाती करना भूल गई । आलम यह है कि यहां का सारा काम काज एक फीमेल हेल्थ वर्कर व चौकीदार के सहारे चल रहा है । पीएचसी बनने के बाद यहां मेडिकल अफसर,फार्मासिस्ट व चौकीदार के पदों को भरा जाना था । यहां ओपीडी के लिए बनाया गया कमरा मात्र शोपीस बनकर रह गया है ।
तीन साल में डॉक्टर की तैनाती न होना क्षेत्रवासियों के लिए चिंता का विषय है ।
डॉक्टर के न होने से नहीं मिलती प्राथमिक उपचार सेवाएं : नीरज गुप्ता ,स्थानीय निवासी
स्थानीय निवासी व व्यवसायी नीरज गुप्ता ने कहा कि पीएचसी चवाई के तहत लगभग क्षेत्र की चार-पांच पंचायतें आती है । लेकिन डॉक्टर के न होने से लोगों को परेशानियां बढ़ गई है और इलाज़ के लिए मीलों दूर आनी, रामपुर,कुल्लू व शिमला जाने को ग्रामीण विवश है । इससे न केवल धन अधिक खर्च होता है बल्कि समय भी बर्बाद होता है वहीं,आपातकाल में प्राथमिक उपचार भी लोगों को नहीं मिलता । स्थानीय ग्रामीणों ने सरकार व विभाग से मांग की है कि जल्द यहां डॉक्टर की तैनाती की जाए ताकि लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
क्या कहते है बीएमओ आनी डॉ. ज्ञान ठाकुर
बीएमओ आनी डॉ०ज्ञान ठाकुर ने कहा कि पीएचसी चवाई में पिछले तीन वर्षों से डॉक्टर न होने का मामला पहले ही उच्च अधिकारियों तक भेजा जा चुका है । उन्होंने कहा कि पीएचसी चवाई में वर्तमान में फीमेल हेल्थ वर्कर व चौकीदार सेवारत है । उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से पीएचसी में फार्मासिस्ट भी थे लेकिन अब उनके रिजाइन के बाद यह पद भी खाली हो गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते अधिकतर डॉक्टर,स्टाफ संस्थागत क्वारन्टीन सेंटर दलाश में सेवाएं दे रहे हैं जिससे स्टाफ कम है । उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य हो जाने के बाद किसी डॉक्टर को फिलहाल डेपुटेशन पर भेजने की व्यवस्था करेंगे।