संपादकीय: जी20 को लैंगिक दृष्टि से संवेदनशील स्थायी परिवर्तन को मिला प्रोत्साहन

संगीता रेड्डी
संगीता रेड्डी

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

Ads

 

शिमला।  जी20 एम्पॉवर वैश्विक स्तर की एक ऐसी पहल है, जो शिक्षा और आर्थिक भागीदारी के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने हेतु जी20 देशों की सरकारी संस्थाओं और निजी संगठनों को एक मंच पर लाती है। महिला सशक्तिकरण की कहानी में एक महत्वपूर्ण मोड़ उस समय आया जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास’ की अवधारणा पेश की। भारत के लिए खास यह अभिनव दृष्टिकोण अब जी20 एम्पॉवर के साझा शब्दकोष का हिस्सा बन गया है। इस दृष्टिकोण ने अपना ध्यान महिलाओं को मात्र सशक्त बनाने से हटाकर ऐसे माहौल को बढ़ावा देने पर केन्द्रित किया है, जहां महिलाएं केवल लाभार्थी हों भर न हों बल्कि विकास की अगुआ भी हों।

 

 

जी20 एम्पॉवर की भारत की अध्यक्षता के तहत, हमने इस अवधारणा को पूरे दिल से अपनाया है और कथानक में इस परिवर्तन को दर्शाते हुए एक रोडमैप बनाने का प्रयास किया है। हमारा ध्यान तीन पहलुओं पर है: शिक्षा, महिला उद्यमिता और सभी स्तरों पर महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए साझेदारी बनाना। हमारा मानना है कि डिजिटल समावेशन इन सभी क्षेत्रों में एक साझा विषय है और हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि महिलाओं को सफल होने के लिए आवश्यक डिजिटल उपकरण और संसाधन उन्हें समान रूप से सुलभ हों।

 

 

शिक्षा के क्षेत्र में, हम महिलाओं के लिए एसटीईएम शिक्षा और उच्च विकास वाली नौकरी के अवसरों को और अधिक सुलभ बनाने की हिमायत कर रहे हैं। हम विभिन्न बड़ी कंपनियों को प्रशिक्षुता कार्यक्रमों और भविष्योन्मुखी समावेशी पाठ्यक्रम में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। हम विभिन्न सरकारों से ऐसी स्पष्ट नीतियों और कानूनी ढांचे से लैस “संपूर्ण-सरकार” का दृष्टिकोण अपनाने का भी आग्रह कर रहे हैं, जो महिलाओं और लड़कियों को निरंतर सीखने के लिए प्रोत्साहित करे।

 

 

महिला उद्यमिता के संदर्भ में, हमने महिला उद्यमियों, विशेषकर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के उद्यमियों के उत्थान के लिए एक व्यापक रणनीति विकसित की है। हमारा मानना है कि महिला उद्यमियों को अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ बनने में समर्थ बनाना एक लाभकारी सौदा है – यानी व्यापक लैंगिक समानता के साथ एक समृद्ध अर्थव्यवस्था। हम निजी क्षेत्र को न केवल एक वित्तपोषक एवं खरीददार के रूप में, बल्कि एक मार्गदर्शक एवं विकास के उत्प्रेरक के रूप में भी आगे आने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

 

यह भी पढ़े:- 27 सितम्बर को होगी संयुक्त सलाहकार समिति ऊना की बैठक

हम सभी स्तरों पर महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। हम निर्णय लेने वाले स्तर पर महिलाओं के पहुंचने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम विकसित कर रहे हैं, समावेशी कार्यस्थल से जुड़ी नीतियां पेश कर रहे हैं, लैंगिक विविधता के आयामों की नियमित समीक्षा व उसके बारे में प्रकाशन कर रहे हैं और महिला कर्मचारियों की सुरक्षा एवं कल्याण सुनिश्चित कर रहे हैं। महिलाओं को वास्तव में सशक्त बनाने के लिए, हमें समाज के सभी स्तरों पर नेतृत्व और निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी भूमिका को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

 

 

हमें भारत की अध्यक्षता में इस पहल के तहत प्राप्त छह ठोस परिणामों को रेखांकित करने का विशेष रूप से गर्व है। सबसे पहले, हमने टेकइक्विटी प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया है, जो महिलाओं को ज्ञान के माध्यम से आगे रहने में मदद करने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया एक अनूठा डिजिटल प्लेटफॉर्म है। कुल 120 भाषाओं में उपलब्ध इस प्लेटफॉर्म के अगले छह महीनों में कम से कम दस लाख महिलाओं तक पहुंचने की उम्मीद है।

 

 

दूसरा, हमने एक केपीआई डैशबोर्ड विकसित किया है जो महिला सशक्तिकरण एवं प्रतिनिधित्व के मामले में हुई प्रगति का पता लगाने के लिए एक मापने योग्य एवं व्यवस्थित तरीका प्रदान करता है। मजबूत कार्यप्रणाली का उपयोग करके इन आंकड़ों पर लगातार नज़र रखकर, हम सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने हेतु रुझानों, मूल कारणों और संभावित उपायों की पहचान कर सकते हैं। तीसरा, हमने एक ‘उत्कृष्ट कार्यप्रणाली प्लेबुक’ बनाई है। यह एक सर्वेक्षण-आधारित विश्लेषणात्मक उपकरण है, जो उत्कृष्ट कार्यप्रणालियों को संकलित करता है और इसे दुनिया भर की प्रभावी रणनीतियों एवं कार्यप्रणालियों को साझा करने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है। इस प्लेबुक के 2023 संस्करण में जी20 के 19 सदस्य व अतिथि देशों की 149 उत्कृष्ट कार्यप्रणालियां संकलित हैं।

 

 

चौथा, हमने जी20 देशों और अतिथि देशों की सफल महिलाओं की सफलता की कहानियों को सामने लाने के उद्देश्य से जी20 एम्पॉवर की वेबसाइट पर प्रेरणादायक कहानियों का एक विशेष खंड तैयार किया है। जी20 एम्पॉवर की वेबसाइट पर 10 देशों की 73 प्रेरणादायक कहानियां प्रदर्शित की गई हैं।

 

 

पांचवां, हमारी अध्यक्षता के तहत, भारत ने हिमायत करने वालों के नेटवर्क का विस्तार करने और संकल्प को अपनाने के लिए जी20 एम्पॉवर पहल का समर्थन करना जारी रखा है। जी20 एम्पॉवर के हिमायत करने वालों के नेटवर्क, जिसमें लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध प्रभावशाली संगठन शामिल हैं, ने अपना विस्तार करना जारी रखा है और जी20 देशों में इसके समर्थकों की संख्या 500 से अधिक हो गई है।

 

 

इन पहलों के अलावा, हमने ‘गांधीनगर घोषणा’ भी पेश की है। यह घोषणा निजी क्षेत्र की ओर से लैंगिक समानता के प्रति एक महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता है। इस घोषणा के तहत, कंपनियां यह सुनिश्चित करने का संकल्प लेती हैं कि उनकी श्रमशक्ति में कम से कम 30 प्रतिशत महिलाएं शामिल होंगी। उन क्षेत्रों में जहां श्रमशक्ति में पहले से ही 30 प्रतिशत महिलाएं मौजूद हैं, यह घोषणा इस बात को सुनिश्चित करने तक जाती है कि उक्त संगठन के सभी स्तरों पर 30 प्रतिशत महिलाएं मौजूद हों।