आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। लंबी आयु औfर स्वस्थ जीवन के लिए अनुशासन जरूरी है । इस धरती पर प्रत्येक मनुष्य लंबी आयु और स्वस्थ जीवन चाहता है, इसी अवधारणा को स्पष्ट कर तथा इसके लिए जीवन में अपनाए जाने वाले अनुशासन एवं नियमों पर आधारित पुस्तक ‘कांसेप्ट ऑफ लाॅनजीवीटी’ अर्थात ‘लंबी आयु की अवधारणा’ नामक पुस्तक का लोकार्पण सरकार में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने किया । दो इस पुस्तक का लेखन, संपादन संजौली महाविद्यालय में भौतिक विज्ञान में सह आचार्य डा0 बृजेश चौहान ( नैनो टेक्नोलॉजी में पीएचडी , हेल्थ और न्यूट्रिशन कंसलटेंट और एनएलपी कोच) ने किया है तथा डॉ0 जगदीश पारीख, डॉ0 महेंद्र ठाकुर व डॉ0 मीनाक्षी शर्मा ने भी इसके लेखन, संपादन तथा संकलन में सहयोग किया है। शिक्षा मंत्री हिमाचल प्रदेश रोहित ठाकुर ने जीवन उपयोगी इस शोध परक पुस्तक के लिए लेखक की खूब सराहना की और मौजूदा समय में इस पुस्तक की
उपयोगिता और प्रासंगिकता पर भी विस्तृत चर्चा की। इस पुस्तक में स्वस्थ जीवन और लंबी आयु के लिए जरूरी कार्यों और खाद्य पदार्थों की चर्चा की गई है। 10 वर्षों के लंबे शोध और अध्ययन के बाद जो परिणाम निकले हैं उसके अनुसार वैदिक काल से लेकर ऋषि-मुनियों द्वारा प्रयुक्त जड़ी बूटियों और उनके प्रयोगों का वर्णन किया गया है । इसके अलग-अलग अध्याय में मनुष्य का पशु -पक्षियों तथा वृक्षों की आयु के साथ तुलनात्मक अध्ययन किया गया है, जिसमें शिवानंद 126 वर्ष, चिरंजीवी जेलीफिश, कोकी बेनेट पक्षी और मीतू साला वृक्ष 4853 वर्ष की चर्चा की गई है। हिमाचल प्रदेश को नया ब्लू जोन भी घोषित किया गया है।
सरकारी आंकड़ों के हिसाब से हिमाचल प्रदेश में 1316 व्यक्ति 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं और 7 व्यक्तियों की आयु 122 वर्ष से अधिक है। इसमें वात,पित और कफ़ का स्वच्छ जीवन में कैसे संतुलन बनाया जाए और जड़ी बूटियों का लंबी आयु में क्या उपयोग हो सकता है इसका विवेचन किया गया है। वनककड़ी , महामेधा, कीड़ा जड़ी ,शतावरी ,अतीश कूट, सुगंध बाला ,चिरायता,तिल पुष्पी,चूंकरी, मूर पथराला, गुच्छी जैसी हिमालयन देसी जड़ी- बूटियों के महत्व, उपयोग और गुणों पर चर्चा की गई है। जड़ी बूटी के साथ-साथ कोदा, चिलाई, ओगला ,फ़ापरा ,चीणी, कावनी और सत्तू आदि के सेवन से हम शक्ति और ऊर्जा से भरपूर जीवन कैसे जी सकते हैं इसके बारे में भी बताया गया है। नींद और संगीत का लंबी उम्र के लिए क्या योगदान है उस पर भी चर्चा की गई है। डॉ0 प्रवीण जरेट द्वारा बनाएं गए संगीत के कैप्सूल का भी इस पुस्तक में वर्णन किया गया है।
संगीत से हम अंग भंग जैसे विकारों से मुक्त हो सकते हैं और बदलते मौसम में संगीत का क्या प्रभाव रहता है, उसका भी उल्लेख किया गया है। प्रसिद्ध योगी जयपाल प्रजापत द्वारा योगासन और इनके लाभ पर भी चर्चा की गई।वात्ततापिक विधि द्वारा 500 वर्ष और कुटि प्रवेश विधि द्वारा1000 वर्ष ,तथा द्रोणी प्रवेशक विधि द्वारा 10000 वर्ष तक जीने की ऋषि मुनियों द्वारा अपनाएं गए उपायों का भी जिक्र किया गया। इस पुस्तक में CRISPR CAS 9 डीएनए एडिटिंग टूल का भी विस्तृत वर्णन किया गया है। इसमें 1938 के हावर्ड स्टडी के परिणामों पर भी चर्चा की गई है।
2021 में भारत का हैप्पीनेस इंडेक्स 136 स्थान था, जो एक विचारणीय विषय है। इस पुस्तक में अल्बर्ट आइंस्टीन, स्वामी विवेकानंद चाणक्य, निकोलो मैच वाली, सिगमंड फ्रूड, फ्रूट्स प्रभाती ,लायन मस्क, नेपोलियन, बिल गेट, वारेन बुफेट, हरलैंड सैंडल्स, मार्क जुकरबर्ग द्वारा कहे गए विचारों को भी साझा किया गया। इस अवसर पर डॉ0 रूचि रमेश , डॉ0 रामलाल शर्मा, डॉ0 संध्या शर्मा, डॉ0गोपाल चौहान, डॉ0 चंद्र वर्मा, डॉ0 सुरेंद्र चौहान ,मनोज मेहता,डॉ0 नरेश वर्मा, डिंपल वर्मा,सुहानी चौहान, शीतल चौहान, प्रिया चौहान और नमिता ठाकुर इत्यादि मौजूद थे।