आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में एक शर्मनाक मामला सामने आया है। आईजीएमसी के एमरजेंसी वार्ड में अपना इलाज करवाने आई महिला को पांच घंटे तक डाॅक्टरों ने नहीं देखा और जिससे महिला की तबीयत और ज्यादा खराब हो गई और महिला ने दम तोड़ दिया। डाॅक्टरों की लापरवाही के चलते महिला की मौत हुई है। मामला मंगलवार रात का हैं। मामला जब उजागर हुआ तो आईजीएमसी प्रबंधन ने इस मामले पर जांच बैठा दी।
जानकारी के मुताबिक महिला जुन्गा के कोटी गांव की रहने वाली थी जिसकी देर रात तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी तथा महिला का बेटा राजू उन्हें चायल अस्पताल ले गया जहां से प्राथमिक उपचार के बाद महिला को आईजीएमसी रेफर कर दिया गया। रात 12 बजे के करीब मरीज अस्पताल पहुंची लेकिन यहां पर किसी भी डॉक्टर ने महिला को नहीं देखा। उधर महिला के बेटे राजू ने सोशल मीडिया पर आईजीएमसी प्रबंधन पर कई तरह के आरोप लगाए है। राजूू का कहना हैं कि करीब पांच घंटे तक उसकी मां के उपचार के लिए कोई भी डाॅक्टर नहीं आया। अपनी मां की ज्यादा तबीयत खराब होने के कारण राजू डाॅक्टर को बुलाने गया तो डयूटी पर तैनात सभी डाॅक्टर गहरी नींद में सोए थे।
बाद में जब डॉक्टर आएए तब तक राजू की मां की मौत हो गई थी। बेटे ने आरोप लगाया कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण ही ऐसा हुआ है। उन्होंने बताया कि रात के समय कोई भी सीनियर डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं होता है। पीड़ित ने मुख्यमंत्री से किसी मरीज के साथ इस तरह की लापरवाही न हो, इसके लिए मामले की जांच करवाने की मांग की है। वहीं आईजीएमसी के कॉलेज प्रिसिंपल डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि जांच बैठा दी है। मेडिसन विभाग के अध्यक्ष को मामले से संबंधित जानकारी जुटाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि प्रशासन के पास अभी तक किसी भी तरह की लिखित में शिकायत नहीं आई है।