आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि कांगड़ा जिले के देहरा उपमंडल के बनखंडी में 619 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एक अत्याधुनिक प्राणी उद्यान स्थापित किया जाएगा। यह परियोजना तीन चरणों में विकसित की जाएगी और दिसंबर, 2024 तक इसके पहले चरण को कार्यशील करने की योजना है। इस प्राणी उद्यान में पर्यटकों को प्रदेश की समृद्ध जैव विविधता का अविस्मरणीय अनुभव प्राप्त होगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का सफल कार्यान्वयन प्रधान मुख्य वन्य अरण्यपाल (पीसीसीएफ) वन्य जीव एवं मुख्य वन्य जीव वार्डन (सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू) के नेतृत्व में एक संचालन समिति सुनिश्चित करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र की पर्यटन क्षमता का समुचित दोहन करने के उद्देश्य से इस प्राणी उद्यान के डिजाइन में क्षेत्र की विविध पर्यटन क्षमताओं का समावेश किया गया है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह पहल सतत् विकास और पर्यावरण संरक्षण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। प्रदेश सरकार कांगड़ा जिले को राज्य की पर्यटन राजधानी बनाने के लिए दृढ़ प्रयास कर रही है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में यह परियोजना मील पत्थर साबित होगी। प्राणी उद्यान पार्क का मास्टर ले-आउट प्लान और प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। इस परियोजना को तैयार करने में पर्यावरण-अनुकूल प्रौद्योगिकियों, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों और कुशल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को शामिल किया गया है।
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पर्यटकों के अनुभव को यादगार बनाने के लिए पार्क में ओरिएंटेशन सेंटर, वॉक-इन एवियरी, प्रदर्शनी और थीम आधारित जोन जैसे काम्यक वन, दैवत्व वन, चित्रकूट, दंडक वन के अनुभव आगंतुकों के लिए आकर्षण का मुख्य केन्द्र होंगे। उद्यान में एक्वाटिक जोन, नॉक्टर्नल हाउस और मोनोरेल में सफारी इत्यादि विविध आकर्षण भी शामिल किए गए हैं। पार्क में एक कैफेटेरिया, भ्रमण क्षेत्र, जैव विविधता कोर्ट और हिमाचल की संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने वाला एक इको विलेज भी स्थापित किया जाएगा। पर्यावरण-अनुकूल पद्धतियों को बढ़ावा देते हुए इस परियोजना में रीसाइक्लिंग प्रणालियां शामिल की जाएंगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांगड़ा जिले में बनने वाला यह प्राणी उद्यान पर्यटकों को भ्रमण का यादगार अनुभव प्रदान करेगा। यह पार्क पर्यटकों को क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ जुड़ी जैव विविधता से रू-ब-रू करवाएगा। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय लोगों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे